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    June 23, 2025

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    सूर्य से निकला खतरनाक प्लाज्मा, बनी 60 हजार मील लंबी दीवार,

    इसमें एकसाथ समा सकती हैं आठ पृथ्वी

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/ब्यूनस आयर्स/शिव कुमार यादव/- हाल के दिनों में सूर्य का चक्र चल रहा है जिसमें ये बेहद सक्रिय दिखाई दे रहा है। हमारा सूर्य इस समय अपनी चरम गतिविधि पर है, हाल ही में सूर्य से फूटकर पृथ्वी से 20 गुना बड़ा हिस्सा करोड़ों मील की रफ्तार से निकला था। अब सूर्य की सतह से एक विशालकाय प्लाज्मा निकला है, जो देखने में झरने जैसा लगता है। अंतरिक्ष की तस्वीरें खींचने वाले एस्ट्रोग्राफर एडुआर्डो शाबर्गर पोपेउ ने इसे कैमरे में कैद किया है। तस्वीर में सूर्य पर एक प्लाज्मा की दीवार दिखाई दे रही है। ये सतह से लगभग 60 हजार मील (1 लाख किमी ऊपर) तक अंतरिक्ष में निकली है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इसका आकार इतना विशाल है कि उसमें एक साथ 8 पृथ्वी समा सकती हैं।


                       हालांकि, बाद में यह प्लाज्मा वापस सतह पर आ जाती है, इसके कारण इसका नाम वाटरफॉल दिया गया है। पोपेउ ने कहा, मेरी कंप्यूटर स्क्रीन पर देखने से लग रहा था कि यह प्लाज्मा के सैकड़ों धागे हैं। मैं इसे देखकर हैरान था। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह प्लाज्मा 36 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गिरा। प्लाज्मा के ये हिस्से पृथ्वी पर दिखाई देने वाले अरोरा की तरह हैं। इसे ध्रुवीय मुकुट भी कहा जाता है।

    सूर्य से अंतरिक्ष की ओर निकलते हैं प्लाज्मा
    सूर्य के यह प्लाज्मा बेहद गर्म होते हैं जो सूर्य से अंतरिक्ष की ओर बढ़ते हैं। लेकिन जब यह सूर्य के ध्रुवों के पास होते हैं, तो चुंबकीय क्षेत्र इतने मजबूत होते हैं कि अंतरिक्ष की ओर जाने की बजाय यह बहुत तेजी से सूर्य पर वापस आती है। ध्रुवों के करीब होने से नासा इसकी तुलना पृथ्वी के अरोरा से करते हैं। हालांकि रंगीन रोशनी की जगह सूर्य के ध्रुव अंडाकार प्लाज्मा की डांसिंग शीट से भरे हैं।

    चरम पर है सौर चक्र
    हमारा सूर्य इस समय अपनी चरम गतिविधि पर है, ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्य का चक्र चल रहा है। हाल के दिनों में यह बेहद सक्रिय दिखा है। लगभग हर दशक में सूर्य के चुंबकीय ध्रुव अपनी जगह बदलते हैं। इसके अलावा सूर्य पर होने वाले गड्डे भी घटते बढ़ते हैं। प्रत्येक सौर चक्र की शुरुआत में सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र अपेक्षाकृत शांत होता है और गड्डों की संख्या कम होती है। जैसे-जैसे चक्र आगे बढ़ता है, चुंबकीय क्षेत्र जटिल होता जाता है।

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