• DENTOTO
  • समाज के विकास के लिए शिक्षा जरूरी- उपराष्ट्रपति

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    June 2025
    M T W T F S S
     1
    2345678
    9101112131415
    16171819202122
    23242526272829
    30  
    June 19, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    समाज के विकास के लिए शिक्षा जरूरी- उपराष्ट्रपति

    -दीक्षांत समारोह में बोले उपराष्ट्रपति धनखड़- कुछ ताकतों के इरादे भयावह

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- रविवार को जामिया मिलिया इस्लामिया के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि लोकतंत्र में जनता की भलाई के लिए संवाद, चर्चा, विचार-विमर्श और बहस को जगह दी गई है। लेकिन लोकतंत्र के मंदिरों में व्यवधान और गड़बड़ी को राजनीतिक रणनीति के तौर पर हथिया नही बनाया जा सकता। उन्होने कहा कि निश्चित रूप से समाज के विकास के लिए उसकी जनता का शिक्षित होना महत्वपूर्ण है। इसलिए युवाओं को शिक्षा के माध्यम से खुद को सशक्त बनाना चाहिए।
                    उपराष्ट्रपति धनखड़ ने आगे कहा कि लोकतंत्र व्यवधान और उपद्रव के बारे में नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मुझे आपको यह बताते हुए दुख और पीड़ा हो रही है कि लोकतंत्र के मंदिरों को कलंकित करने के लिए व्यवधान और गड़बड़ी को रणनीतिक साधन के रूप में हथियार बनाया गया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में मानव संसाधनों का सशक्तिकरण एक महत्वपूर्ण घटक है।

                    उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीतिक नशे से नहीं, बल्कि स्वस्थ वातावरण और समाज के पोषण के अंतिम उद्देश्य के साथ क्षमता निर्माण और व्यक्तित्व विकास के माध्यम से युवाओं को खुद को सशक्त बनाना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में इस नीति को अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि वे इसका पालन करेंगे और इस महान नीति का लाभ उठाएंगे। यह कौशल-आधारित पाठ्यक्रमों, व्यावसायिक प्रशिक्षण और हमारी शैक्षिक शिक्षा को एक नया आयाम देने पर आधारित है। छात्रों के लिए नवप्रवर्तक और उद्यमी बनना महत्वपूर्ण है।

                      उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका और फ्रांस की प्रभावशाली यात्रा पर प्रकाश डाला, साथ ही कहा कि पूरी दुनिया भारत के साथ साझेदारी करने के लिए उत्सुक है। वैश्विक मुद्दों के समाधान में भारत की प्रासंगिकता कभी इतनी प्रमुख नहीं थी जितनी आज है। लेकिन दोस्तों, जब भारत बढ़ता है, जब आप अवसर का लाभ उठाते हैं तो चुनौतियाँ भी आती हैं। आपकी प्रगति हर किसी को पसंद नहीं आ सकती। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी ताकतें हैं जिनके इरादे भयावह हैं जो आपके विकास के संस्थानों को कलंकित करना चाहते हैं। दुर्भाग्य से कुछ हमारे बीच में हैं। मैं युवा दिमागों से पहल करने और अपने कार्यों के माध्यम से इन ताकतों को बेअसर करने की अपील करता हूं।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox