नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- साइबर अटैक की आशंका के चलते सफदरजंग अस्पताल में जीमेल, रेडिफ मेल, याहू व हॉटमेल आईडी को बंद कर दिया गया है। अब अस्पताल परिसर में अस्पताल प्रशासन, डॉक्टर या स्टाफ सरकारी कामकाज में जीमेल, याहू, रेडिफ मेल और हॉटमेल का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। अस्पताल प्रशासन ने इनके उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है।
सरकारी कामकाज में इनके उपयोग से साइबर अटैक की आशंका बनी रहती है। इससे पहले एम्स में हुए साइबर अटैक के बाद लंबे समय तक स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहीं। मरीजों का रिकॉर्ड रिकवर करने में लंबा समय लगा है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि जीमेल, याहू, रेडिफ मेल और हॉटमेल जैसी मेल आईडी का इस्तेमाल करने से साइबर अटैक का खतरा बना रहता है। सफदरजंग अस्पताल में रोज 10 हजार से अधिक मरीज आते हैं। इन मरीजों की पर्ची ऑनलाइन बनती है। इन सभी का रिकॉर्ड सर्वर पर रहता है। सरकारी कामकाज के दौरान यदि लापरवाही से कोई गलती हुई तो साइबर अटैक हो सकता है। ऐसा होने पर एम्स की तरह सफदरजंग अस्पताल का कामकाज ठप हो सकता है। जिससे मरीजों के साथ-साथ चिकित्सकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
अब इसे रोकने के लिए आईटी एवं वेब प्रशासक के प्रभारी डॉ. गौरव अरोड़ा ने एक आदेश जारी किया है। आदेश में कहा है कि केंद्र सरकार की आईटी-नीति व दिशा निर्देश के तहत आधिकारिक संचार के आदान-प्रदान के लिए केवल सफदरजंग अस्पताल की आधिकारिक ई-मेल आईडी ही इस्तेमाल करें। जीमेल, याहू, रेडिफ मेल, हॉटमेल व अन्य का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। आदेश में कहा गया है कि अभी भी काफी डॉक्टर, प्रशासन व स्टाफ के लोग आधिकारिक ई-मेल की जगह प्रतिबंधित मेल आईडी का इस्तेमाल कर रहे हैं। यदि कोई 90 दिन तक सरकारी मेल आईडी का इस्तेमाल नहीं करता, तो उसे बंद कर दिया जाएगा।
जांच रिपोर्ट दी जाएगी ऑनलाइन
एम्स की तर्ज पर सफदरजंग अस्पताल भी कैथ लैब व रेडियोलॉजी से संबंधित सभी जांच रिपोर्ट ऑनलाइन देने का प्रयास कर रहा है। अभी ज्यादातर रिपोर्ट डॉक्टर के पास मिलती हैं। दरअसल सफदरजंग अस्पताल द्वारा स्मार्ट लैब बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। यह लैब पुराने स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर में बनाई जानी है। इसके बनने के बाद सभी प्रकार की खून की जांच इसी लैब में होगी। ऐसा होने के बाद रिपोर्ट ऑनलाइन देने की दिशा में काम शुरू होगा।
मेल आईडी से हुआ था एम्स पर साइबर अटैक : स्पेशल सेल की आईएफएसओ की जांच में पता लगा था कि मेल आईडी से एम्स के सर्वर पर साइबर अटैक हुआ था। इस हमले के बाद एम्स की ई-अस्पताल सेवाएं पूरी तरह से बाधित हुई थीं। करीब दो साल पहले नवंबर में साइबर अटैक हुआ था। इस अटैक के बाद सेवाओं को फिर से शुरू करने में महीनों का समय लग गया। फिलहाल सेवाएं सामान्य हो चुकी हैं लेकिन एम्स ने साइबर सुरक्षा को देखते हुए कई आदेश लागू किए हैं।
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