संस्कृत का गूढ ज्ञान आज भी प्रासंगिक- प्रोफेसर राकेश सिन्हा

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December 23, 2024

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संस्कृत का गूढ ज्ञान आज भी प्रासंगिक- प्रोफेसर राकेश सिन्हा

-संस्कृत को जन-जन की भाषा बनाने पर दिया जा रहा बल, संस्कृत पर आयोजित प्रतियोगिता में विजेताओं को किया सम्मानित

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/भावना शर्मा/– श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में 25 से 31 अगस्त 2023 तक संचालित संस्कृत सप्ताह के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि एवं राज्यसभा सांसद प्रोफेसर राकेश सिन्हा ने कहा कि संस्कृत के दम पर ही हम विश्व गुरू बने थे और अब वह समय आ गया है जब हम एकबार फिर संस्कृत को जन-जन की भाषा बनाकर विश्व गुरू बनेगे। संस्कृत का ज्ञान आज भी दुनिया में आज भी प्रासंगिक है।

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन संचालित श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में संस्कृत सप्ताह सम्पूर्ति कार्यक्रम आज स्वर्ण जयंती सभागार में आयोजित हुआ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुरली मनोहर पाठक ने संस्कृत को जन भाषा करने एवं शास्त्र अध्ययन पर बल दिया तथा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित राज्यसभा सांसद श्री प्रोफेसर राकेश सिन्हा ने संस्कृत के बारे में बताया। मुख्य वक्ता के रूप में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के आचार्य प्रोफेसर वाई एस रमेश ने संस्कृत भाषा पर विस्तार से प्रकाश डाला।

विशिष्ट अतिथि पवन कुमार, आई ए एस, भारत सरकार ने कहा कि संस्कृत भाषा बहुत अच्छी भाषा है तथा सारस्वत अतिथि प्रोफेसर ईश्वर शरण विश्वकर्मा पूर्व अध्यक्ष उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग ने कहा कि संस्कृत बहुत सरल और अच्छी भाषा है। अतिथियों का स्वागत संयोजक प्रोफेसर यशवीर सिंह ने किया। कार्यक्रम की भूमिका का प्रतिपादन संचालक डॉक्टर दिनेश यादव सहायक आचार्य श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत नई दिल्ली ने किया।

25 से 31 अगस्त 2023 तक संचालित संस्कृत सप्ताह में 8 प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें दिल्ली के अनेक विद्यालयों एवं विश्वविद्यालय के छात्रों ने भाग लिया सम्पूर्ति कार्यक्रम में विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए गए धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर सदन सिंह अध्यक्ष, शिक्षापीठ, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली द्वारा किया गया। कार्यक्रम विश्विद्यालय के पीठ प्रमुख एवं आचार्य तथा छात्रों से खचाखच भरे सभागार में संपन्न हुआ।

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