• DENTOTO
  • विश्व बंधुत्व के लिए योग जरुरी – डॉ. अरुण कुमार झा

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    June 2025
    M T W T F S S
     1
    2345678
    9101112131415
    16171819202122
    23242526272829
    30  
    June 22, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    विश्व बंधुत्व के लिए योग जरुरी – डॉ. अरुण कुमार झा

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-  अध्यात्म योग संस्थान द्वारका और आदित्य बिरला हेल्थ इंश्योरेंस के संयुक्त  तत्वाधान में  आज विश्व योग दिवस के उपलक्ष्य में एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है।
                           मंगलाचरण श्रीमती कलावती आर्या ने किया, जसबीर योगाचार्य ने मंच संचालन किया। मुख्य अतिथि के रूप में अरुण कुमार झा सचिव,  दिल्ली संस्कृत अकादमी दिल्ली सरकार एवं दिल्ली परिवहन निगम के चीफ जनरल मैनेजर है। उन्होंने बताया योग ज्ञान के माध्यम से भारत के विश्व के साथ सम्बंध अच्छे हुए हैं। योग को अब स्वास्थ्य आंदोलन के रूप में जाना जाने लगा है। विशिष्ट अतिथि प्रो. यशवीर सिंह कुलसचिव श्री वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय ने युक्ताहार विहारस्य का उदाहरण देते हुए कहा जीवन जीने के लिए सात्विक खाना चाहिए, तथा ऋतु के अनुसार प्राकृतिक आहार अपनाएं ।  
                           मुख्य वक्ता प्रो. ईश्वर भारद्वाज पूर्व डीन गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय ने बताया यम से मन की शुद्धि होती है, षट्कर्म की क्रियाओं से शरीर की शुद्धि होती है, आसनों से शरीर मजबूत होता है, और प्रणायाम से शरीर में लाघवता आती है, सामान्य लोगों को प्राणायाम को सावधानी पूर्वक करना चाहिए ।
                           कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो महेश प्रसाद सिलोड़ी योग विभागाध्यक्ष श्री लाल बहादुर शास्त्री केन्द्रिय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली ने बताया योग के द्वारा शरीर एवम् मन को स्वस्थ करना है, वृत्तियों का नाश करके यौगिक शक्तियों का जागरण करना ही योग है। विशिष्ट वक्ता डॉ. रमेश कुमार सहायक आचार्य योग विज्ञान विभाग श्री लाल बहादुर शास्त्री केन्द्रिय संस्कृत विश्वविद्यालय ने कहा की योग जीवन जीने की कला है,इसको जीवन में अपनाना चाहिए। योग हमारे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कष्टों को दूर करता है, योग व्यक्ति के सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास करता है, इसलिए योग का अभ्यास निरंतर करना चाहिए ।  
                           डॉ कामाख्या ने बताया परिस्थितियों से तालमेल बनाएं , संतुलन एवम् सामंजस्य के साथ समत्व की भावना ही योग है। डॉ.अजयकुमार ने बताया योग का प्रयोग करने वाले प्रयोगकर्ता को तीनों दुखों से मुक्ति मिल जाती है ।भारतीय सभ्यता एवम् संस्कृति में त्याग की भावना को आदर्श माना है इसलिए भारत की दुनिया से अलग पहचान है। आचार्य योगेश जी ने कहा अंधकार रूपी संसार से बाहर निकलना है, योग को जीवन में अपनाकर प्रकाश को जागृत करना है, योगमय जीवन बनाना है। धन्यवाद ज्ञापन योगाचार्य जसबीर सचिव अध्यात्म योग संस्थान हरियाणा ने किया और बहन कलावती आर्या के द्वारा शांति पाठ किया गया।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox