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    विश्व जैव विविधता दिवस पर “सृष्टि की रचना और जैव विविधता“ पर आरजेएस पीबीएच कार्यक्रम आयोजित

    -जीवों की जरूरतें उपलब्ध कराने के पश्चात ही सृष्टि ने मानव का निर्माण किया- दीदेवार. -जैव विविधता के नुकसान की वर्तमान दर मानव अस्तित्व के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह है- डा एम शाह हुसैन

    नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- आरजेएस पीबीएच के अमृत काल का सकारात्मक भारत-उदय ग्रंथ 03 पुस्तक निर्माण के श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रमों की कड़ी में 225वां ऑनलाइन कार्यक्रम रविवार 19 मई 2024 को संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना के संयोजन में आयोजित किया गया।
               कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सह-आयोजक व दीदेवार जीवन ज्योति के संस्थापक सुरजीत सिंह दीदेवार ने कहा कि सृष्टि की रचना एक विचार के द्वारा हुई। सर्वप्रथम आकाश और पृथ्वी सहित अन्य ग्रह हुए। जीवों की जरूरतें उपलब्ध कराने के पश्चात ही सृष्टि ने ही मानव का निर्माण किया।

              श्री दीदेवार ने आगाह किया कि आज मानव जहां प्रगतिशील है, वहीं अपने लिए और अन्य जीव जंतुओं के लिए विकास कम विनाशलीला ज्यादा कर रहा है। उन्होंने सहयोग से समृद्धि और मनभेद से ऊपर उठकर कर्म योगी का सिद्धांत समझाया।
    इसी बात का समर्थन करते हुए अरावली और नीला हौज जैव विविधता पार्क, दिल्ली के प्रभारी और वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एम शाह हुसैन ने कहा जैव विविधता के नुकसान की वर्तमान दर मानव अस्तित्व के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह है। पृथ्वी पर जैव विविधता जैविक विकास की एक लंबी प्रक्रिया के माध्यम से उभरी है। सबसे पहला जीवन रूप
    लगभग साढ़े तीन अरब वर्ष पहले सरल एककोशीय जीवों‌के रूप में प्रकट हुआ।

    वेबिनार का आरंभ साधु प्रेम सागर जी के उद्बबोधन से हुआ-
    एक शब्द ओंकार से सब जग भया पसार,
    सत्पुरुष एक वृक्ष है निरंजन वा का डार,
    त्रिदेवा शाखा भए, पत्र भए संसार,
    बीजक प्रथम रमैनी, अनार ज्योति शब्द,
    एक नाड़ी हरि ब्रह्मा ताके त्रिपुरारी।
              कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए उदय कुमार मन्ना ने कहा कि जैविक विविधता शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग वन्यजीवन वैज्ञानिक और संरक्षणवादी रेमंड एफ. डैसमैन द्वारा 1968 ई. में ए डिफरेंट काइंड ऑफ कंट्री पुस्तक में किया गया था। ट्रू आरजेसियंस  कुलदीप राय(लाफ्टर एंबेसडर), ब्रजकिशोर और एडवोकेट सुदीप साहू सहित दूरदर्शन कर्मी इशहाक खान, मयंक, आकांक्षा, रैना इंफोटेक के निदेशक- दिलीप वर्मा और डा.नरेद्र‌ टटेसर आदि जुड़कर कार्यक्रम को सफल बनाए। श्री मन्ना ने रविवार 26 मई को सुबह 11 बजे हिन्दी पत्रकारिता दिवस 2024 (30 मई) के उपलक्ष्य में वेबिनार किया जाएगा।

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