बहादुरगढ़/- रावण का कद उठते-उठते, नौ फुट से 100 फुट तक बढ़ा है ।लेकिन राम पहले भी 6 फुट का था, और आज भी 6 फुट का खड़ा है।
यह कहना है जाने माने हास्य कवि डॉ. रसिक गुप्ता का, जो कलमवीर विचार मंच द्वारा कृष्ण कुंज में आयोजित कवि गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे । विजय दशमी के उपलक्ष्य में आयोजित इस गोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित मंजू शाक्य व के के राजस्थानी के अलावा कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गीतकार कृष्ण गोपाल विद्यार्थी ने भी काव्य पाठ किया।
गोष्ठी का शुभारंभ मंजू शाक्य द्वारा प्रस्तुत मुक्तकों से हुआ। उनकी ये पंक्तियां सर्वाधिक पसंद की गईं…कभी आदर्श रघुवर के ज़रा से भी निभाओगे,हृदय में जो समाहित है वो रावण कब जलाओगे ?दशानन का दहन करते रहो हर साल तुम लेकिन,भला मन के विकारों पर विजय किस रोज़ पाओगे ?
युवा हास्य कवि के के राजस्थानी ने भी कई चुटीली व्यंग्य रचनाएं सुनाई एक बानगी देखिए… रावण को देखकर दो नेता आपस में बात कर रहे थे,
यदि ये रावण हमारे दल में मिल जाये तो हमारा बल और बढ़ेगा। दूसरा वोला पूछ कर देखले चुनाव लडे़गा ?
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गीतकार विद्यार्थी ने अपनी एक कविता में रावण के माध्यम से अपने मन की बात कही…रावण बोला – राम जी ! इस पर करें विचार,किया सिया का अपहरण, दिया मुझे तो मार।दिया मुझे तो मार, आपके भक्त निराले,कई युगों से मुझको दुष्ट बताने वाले।नारी का अपमान रोज़ करते या सहते,चकित हूं मैं कि आप उन्हें कुछ भी नहीं कहते।


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