
अनीशा चौहान/- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार, विकसित कृषि संकल्प अभियान-2025 का क्रियान्वयन 29 मई से 12 जून, 2025 से देशभर में किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य देश भर के गांवों में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से कृषि की नवीनतम तकनीकों एवं सरकारी योजनाओं की जानकारी को किसानों तक सीधा पहुंचाना है एवं साथ ही आधुनिक तकनीकों से खरीफ फसल प्रबंधन और उत्पादकता वृद्धि के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

दिल्ली क्षेत्र में विकसित कृषि संकल्प अभियान
इस उपलक्ष में, कृषि विज्ञान केन्द्र, दिल्ली भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली एवं कृषि इकाई, विकास विभाग, दिल्ली सरकार ने दिनांक 03 जून, 2025 को नजफगढ ब्लांक के मुंडेला कलां, मुंडेला खुर्द एवं कैर गांव एवं दिनांक 04 जून, 2025 को रेवला खानपुर, हसनपुर एवं दौलतपुर में किसान सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें दिनांक 3 जून 2024 को विकसित कृषि संकल्प अभियान के कार्यक्रम में डॉ डी. के. यादव उपमहानिदेशक (फसल विज्ञान) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पूसा, नई दिल्ली ने भागीदारी की एवं किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान भाई हमेशा नवीनतम किस्म एवं गुणवत्ता युक्त बीज का प्रयोग करें, साथ ही जब भी बीज एवं दवाईयां की खरीदे करें, उसका पक्का बिल जरूर लेवे एवं बीज का प्रमाणीकरण एवं टैग देखकर ही खरीदें। उन्होंने साथ यह भी किसानों से आग्रह किया कि किसान हमेशा नवीनतम तकनीकी या नवीनतम बीजों को अपने छोटे से क्षेत्रफल में लगाकर देखना चाहिए, जब वह उसके परिणाम से संतुष्ट हो तब उसको पूरे क्षेत्रफल अपना लेना चाहिए। इसी के साथ डॉ यादव जी ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न संस्थाओं की विकसित प्रजातियां, बीज उत्पादन की प्रौद्योगिकियों एवं विकसित कृषि संकल्प अभियान के उद्देश्य एवं इसके होने वाले प्रभाव के बारे में किसानों को अवगत करवाया। इसी क्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली के प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, फल विभाग के डॉ ओ. पी. अवस्थी ने दिल्ली में फलों के उत्पादन की विभिन्न तकनीकों एवं संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

इसी तरह दिनांक 04 जून, 2024 को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के वैज्ञानिकों की दो टीम ने नजफगढ़ ब्लॉक के रेवला खानपुर, हसनपुर एवं दौलतपुर गांव में भी दौरा करके कृषि विज्ञान केंद्र, दिल्ली एवं कृषि विभाग के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में किसानों को आगामी खरीफ मौसम में सब्जियों की खेती की उत्पादन तकनीकों के साथ साथ, एकीकृत कीट एवं रोग प्रबंधन, मिट्टी एवं पानी की जांच, पूसा डिकंपोज़र, जैव उर्वरक एवं प्राकृतिक खेती की जानकारी किसानों के साथ साझा की गई। इसी क्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र, दिल्ली के वैज्ञानिकों ने आगामी खाद्यान्न खरीफ फसलों से सम्बंधित आधुनिक तकनीकों की जानकारी के साथ मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार विभिन्न फसलों के चयन तथा संतुलित खादों के प्रयोग, पशुओं का रखरखाव, टीकाकरण, खनिज मिश्रण का प्रयोग, बागवानी एवं फलों की खेती, धान की सीधी बुवाई, हरि खाद का प्रयोग, पशुधन हेतु आहार एवं रोग प्रबंधन आदि की विस्तृत जानकारी दी। इसी क्रम में, कृषि इकाई, दिल्ली सरकार ने अधिकारियों ने दिल्ली में संचालित हो रही प्राकृतिक खेती, प्राकृतिक खेती के अवयव, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की विस्तृत जानकारी साझा की।

कार्यक्रम के शुरुआत में डॉ डी के राणा, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, दिल्ली ने सभी वैज्ञानिकों एवं किसानों का स्वागत करते हुए बताया कि तकनीकों एवं अनुसंधान को किसानों के खेतों पर पहुंचाने में कृषि विज्ञान केंद्रो का महत्वपूर्ण योगदान है एवं यह खेती व किसानों को समृद्ध करने हेतु ’’लैब टू लैैड’’ विजन के साथ विज्ञान एवं वैज्ञानिक के साथ किसानों के खेत में पहुंचाने में फसल योगदान दे रहे जो कार्यक्रम में किसानों की उत्साहित होकर भागीदारी करने से नजर आ रही हैं। । कार्यक्रम के अंत में डॉ राकेश कुमार, विज्ञानी (बागवानी) ने किसानों को कार्यक्रम में शामिल होने हेतु धन्यवाद दिया एवं उनसे आग्रह किया कि ये संदेश अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाए।
इस कार्यक्रम के दौरान, किसानों के प्रश्नों एवं समस्याओं हेतु विशेष सत्र का आयोजन करके संतुष्ठ जवाब एवं अमूल्य सुझाव दिए गए।
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