मानसी शर्मा /- सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाले मामला मेंअरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को जमानत दे दी है। अब जमानत देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को लेकर टिप्पणी की है। अब 11साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को पिंजरे में बंद तोते की याद दिला दी।
केजरीवाल को जमानत देते हुए न्यायाधीश भुइयां ने कहा कि सीबीआई को पिंजरे में बंद तोते की छवि से बाहर आना होगा। अब दिखाना होगा वह बंद पिजरे का तोता नहीं है। ये टिप्पणी इसलिए अहम है क्योंकि ठीक 11साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को पिंजरे में बंद तोता बताया था। अब न्यायाधीश भुइयां ने कहा कि सीबीआई को उस छवि से मुक्त दिखना चाहिए।
क्या कहा जस्टिस भुइंया ने ?
केजरीवाल को जमानत देते हुए न्यायाधीश भुइंया ने कहा कि सीबीआई देश की प्रमुख जांच एजेंसी है। सीबीआई को सबसे ऊपर होना चाहिए इसी में सबकी भलाई है। सीबीआई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी को उनकी जांच पर शक नहीं है। लोगों को लगे की जांच और गिरफ्तारी निष्पक्ष रूप से हुई है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले सीबीआई को कोर्ट ने फटकार लगाई थी। इसकी तुलना पिंजरे में बंद तोते से की थी।
11 साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था ?
9 मई 2013 को सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा , मदन बी लोकर और कुरियन जोसेफ ने सीबीआई को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि सीबीआई पिंजरे में बंद तोता है। उस वक्त कोयला घोटाला से जुड़े मामले की सुनवाई हो रही थी। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि तोते को आजाद करना जरूरी है। सीबीआई को अपनी विश्वसनियता बरकरार रखनी चाहिए। सुनवाई पीठ ने तीन घंटे तक सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा के 9 पन्नों के हलफनामे पर गौर करने के बाद यह टिप्पणी की थी।
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