लद्दाख/उमा सक्सेना/- हवा में ऑक्सीजन की कमी और दुर्गम पहाड़ी रास्तों के बीच आयोजित दुनिया की सबसे ऊँची मैराथन में बहादुरगढ़ रनर्स ग्रुप (BRG) के धावकों ने अपनी अदम्य इच्छाशक्ति का परिचय दिया। इस कठिन मैराथन में भाग लेकर उन्होंने न केवल बहादुरगढ़ का नाम रोशन किया बल्कि पूरे देश को संदेश दिया कि फिटनेस और अनुशासन से कोई भी चुनौती पार की जा सकती है।

धावकों का प्रदर्शन
BRG की टीम ने विभिन्न श्रेणियों में दमदार भागीदारी की। नीरज छिल्लर और सुदेश तोमर ने फुल मैराथन (42.2 किमी) पूरी की। वहीं सनी राणा, अरुण विजयरण, कैप्टन प्रसाद, अमज्योत और अरुणा तोमर ने हाफ मैराथन (21.1 किमी) में शानदार प्रदर्शन किया। सुमित राणा और मुकेश विजयरण ने 11 किमी दौड़ में अपनी ताक़त दिखाई।
कठिनाइयों के बीच हौसला
समुद्र तल से 11,500 फीट की ऊँचाई पर आयोजित इस मैराथन में सांस लेना भी आसान नहीं होता। ऊबड़-खाबड़ पहाड़, तीखी चढ़ाइयाँ और ठंडी हवाओं ने धावकों की परीक्षा ली। लेकिन BRG के खिलाड़ियों ने हिम्मत और अनुशासन का परिचय देते हुए शानदार तरीके से फिनिश लाइन पार की।
संस्थापक दीपक छिल्लर का बयान
BRG के संस्थापक और Fit India Ambassador दीपक छिल्लर ने कहा,
“लद्दाख मैराथन केवल खेल नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक क्षमता की बड़ी परीक्षा है। हमारे धावकों ने अनुशासन और जुनून से जो प्रदर्शन किया है, वह युवाओं के लिए प्रेरणा है। BRG का उद्देश्य सिर्फ दौड़ तक सीमित नहीं, बल्कि फिटनेस और नशा मुक्त समाज की ओर लोगों को जागरूक करना है।”
समाज के लिए संदेश
लद्दाख मैराथन में BRG की भागीदारी यह दिखाती है कि फिटनेस को जीवनशैली बनाकर हर इंसान असंभव लगने वाली ऊँचाइयों को छू सकता है। बहादुरगढ़ रनर्स ग्रुप का यह सफर न केवल खेल उपलब्धि है बल्कि समाज के लिए एक सकारात्मक संदेश भी है—“फिटनेस ही असली ताक़त है।”


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