लंबे समय से चल रहा तिब्बत-चीन विवाद का अब होगा समाधान!

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 23, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

लंबे समय से चल रहा तिब्बत-चीन विवाद का अब होगा समाधान!

वॉशिंगटन/शिव कुमार यादव/– यूएस की एक शक्तिशाली संसदीय समिति ने लंबे समय से चले आ रहे तिब्बत-चीन विवाद को सुलझाने का फैसला लिया है। दरअसल, समिति ने दलाई लामा के दूतों के साथ बातचीत के लिए चीन पर दबाव बनाने के अमेरिकी प्रयासों को मजबूत करने वाले विधेयक को मंजूरी दी है।

तिब्बत प्राचीन काल से चीन का नहीं है हिस्सा

सदन की विदेश मामलों की समिति ने विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया है। इसमें चीन के इस दावे को भी गलत बताया गया है कि तिब्बत प्राचीन काल से चीन का हिस्सा रहा है। सदन की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष माइकल मैककॉल ने कहा कि यह विधेयक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) और तिब्बत के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नेताओं के बीच बातचीत की आवश्यकता पर जोर देता है। किसी भी मामले में जब बात हो तो उसमें तिब्बती लोगों को भी सुनना चाहिए।

तिब्बती लोग खुलकर जीना चाहते हैं
उन्होंने कहा, ’तिब्बत के लोग लोकतंत्र को पसंद करते हैं। वो अपने धर्म के अनुसार जीना चाहते हैं। अमेरिका की तरह ही उनकी भी इच्छाओं को तवज्जो देना चाहिए। हम जिन स्वतंत्रताओं का आनंद लेते हैं, हम चाहते हैं कि तिब्बत के लोग भी उसका आनंद लें।’

2010 से रुकी हुई वार्ता फिर शुरू होगी
यह विधेयक पिछले साल संसदीय समिति के सदस्य जिम मैकगवर्न, माइकल मैककॉल के साथ-साथ सीनेटर जेफ मर्कले और टॉड यंग द्वारा पेश किए गए कानून का संशोधित संस्करण है। साल 2010 से रुकी हुई वार्ता एक बार फिर शुरू होने की उम्मीद है। यह विधेयक चीनी सरकार पर दलाई लामा के दूतों या तिब्बती लोगों के लोकतांत्रिक रूप से चुने गए नेताओं के साथ बातचीत फिर से शुरू करने के लिए दबाव डालेगा।

अमेरिका-भारत रणनीतिक संबंधों पर हुई चर्चा
अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने सदन की विदेश मामलों की शक्तिशाली समिति के अध्यक्ष माइक रोजर्स से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने रक्षा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र समेत भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की।
         रोजर्स के साथ संधू की गुरुवार को बैठक पिछले महीने नई दिल्ली में 2$2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद हुई है। इस साल भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग में जहाज मरम्मत, जेट इंजन निर्माण, रक्षा औद्योगिक रोडमैप और राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण विधेयक में सकारात्मक प्रगति देखी गई।
         संधू ने कहा, ’सदन की सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष माइक रोजर्स के साथ फिर से मिलना और रक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी), आईसीईटी (महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी पर पहल) और ज्ञान क्षेत्र समेत भारत अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा को आगे बढ़ाना शानदार रहा।’

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox