राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने को राजस्थान चुनाव में ताल ठोकेगी जजपा

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राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने को राजस्थान चुनाव में ताल ठोकेगी जजपा

-राजस्थान भाजपा से गठबंधन करेगी या अकेले लड़ेगी इस पर अभी फैसला नही -दादा-परदादा के पुराने रिश्तों को जोड़कर कूदेगी मैदान में

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/चंडीगढ़/शिव कुमार यादव/- आप की तर्ज पर अब जजपा के नेताओं ने पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने के लिए कमर कसनी शुरू कर दी है। जिसके लिए पार्टी ने राजस्थान में चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर हरियाणा में जजपा-भाजपा गठबंधन में चल रही रस्साकशी के बीच जननायक जनता पार्टी ने राजस्थान में चुनाव लड़ने के लिए अभी से अपने दादा-परदादा के पुराने पारिवारिक संबंधों पर फोकस करना शुरू कर दिया है। पार्टी यहां पर करीब 25 से 30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राजस्थान में संगठन को मजबूत करने के अलावा जजपा नेताओं ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।


                 हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, उनके पिता डॉ. अजय सिंह चौटाला और छोटे भाई दिग्विजय चौटाला ने राजस्थान में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। पार्टी का विजन यह है कि किसी तरह छह प्रतिशत वोट शेयर बढ़ा कर पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलवाई जाए। हाल ही में चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया है। आप की पंजाब और दिल्ली में सरकार है, लेकिन गुजरात चुनाव में भी पार्टी का वोट शेयर बढ़ा है। जिसके कारण आप को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला है।

कौन कहां लगा रहा जोर
जजपा का प्रयास है कि राजस्थान में परिवार के पुराने रिश्तों को साथ जोड़कर एक बार फिर से जोर लगाया जाए। यही कारण है कि दुष्यंत चौटाला नागौर जिले के खरनाल में वीर तेजा जी का भव्य मंदिर बनवा रहे हैं। राजस्थान के जाटों में वीर तेजा जी को लेकर बहुत श्रद्धा है। यहां दुष्यंत चौटाला ने छह करोड़ की राशि और एक गाड़ी मंदिर के लिए दी है। दिग्विजय चौटाला ने पिछले दिनों जयपुर में इनसो का बड़ा सम्मेलन किया। यहां की एक यूनिवर्सिटी में इनसो का अध्यक्ष है और दो कॉलेजों में पदाधिकारी भी चुनकर आए हैं। डॉ. अजय चौटाला भी लोकदल में रहते हुए सीकर की दाताराम गढ़ और श्रीगंगानगर जिले की नोहर सीट से दो बार विधायक रहे हैं।

इन क्षेत्रों में हैं रिश्तेदारियां
श्रीगंगानगर के साथ सिरसा जिला, चूरू के साथ हिसार, पिलानी के साथ भिवानी, झुंझनू के साथ महेंद्रगढ़ और अलवर के साथ हरियाणा का मेवात जिला पड़ता है। देवीलाल के पूर्वज राजस्थान से थे। इसलिए इन क्षेत्रों में उनकी रिश्तेदारियां भी हैं। हरियाणा और राजस्थान में इन क्षेत्रों से आपस में शादियां भी होती हैं। इन रिश्तों को जोड़ने का काम जजपा ने शुरू कर दिया है।

सीकर में चौ. देवीलाल ने हराया था बलराम जाखड़ को
राजस्थान के सीकर में उपप्रधानमंत्री रहे चौ. देवीलाल ने दिग्गज नेता बलराम जाखड़ को चुनाव हराया था। वे रोहतक और सीकर दो सीटों से लोकसभा का चुनाव लड़े थे। जब उपप्रधानमंत्री बनने का समय आया तो उन्होंने रोहतक सीट को छोड़कर सीकर से सांसद बने रहने का निर्णय लिया था।

देवीलाल का सपना था पार्टी का विस्तार
चौ. देवीलाल पार्टी का विस्तार करना चाहते थे। इसीलिए उन्होंने राजस्थान से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री रहते हुए ओम प्रकाश चौटाला ने भी पार्टी के विस्तार में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भी इनेलो के टिकट पर प्रत्याशी उतारे, लेकिन आशातीत सफलता नहीं मिली। अब देवीलाल के दोनों पौत्रों ने यह बीड़ा उठाया है।

दिल्ली में भी होगी जोर आजमाइश
दिल्ली के नजफगढ़ से भरत सिंह लोकदल के विधायक रहे हैं। इसके अलावा निकाय चुनाव में पार्षद भी जीते हैं। इस बिखरे हुए कुनबे को एक बार फिर से जोड़ने का काम किया जाएगा। हो सकता है जजपा हरियाणा के साथ लगते दिल्ली के क्षेत्रों में भी विस्तार की संभावनाएं तलाशे।

राजस्थान में हम 25 से 30 सीट पर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। गठबंधन में क्या चर्चा होती है, यह भी देखेंगे। हर पार्टी आगे बढ़ना चाहती है। इस बात के प्रयास हमारी पार्टी भी कर रही है। -दुष्यंत चौटाला, उपमुख्यमंत्री हरियाणा।

हम हरियाणा के साथ लगते राजस्थान के क्षेत्रों पर फोकस कर रहे हैं। इस बार के राजस्थान विधानसभा चुनाव में जजपा जी-जान से जुटेगी। -दिग्विजय चौटाला, इनसो महासचिव।

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