
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/केपटाउन/शिव कुमार यादव/- संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनिया भर में चल रहे संघर्षों, जलवायु परिवर्तन और कोरोना महामारी से जीवन चक्र पूरी तरह से बिगड़ गया है जिसका सबसे बड़ा खतरा महिलाओं और बच्चों पर काफी बढ़ गया है। खासकर बच्चों में समय पूर्व जन्म की समस्या बढ़ी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2020 में ही दुनियाभर में करीब एक करोड़ 30 लाख बच्चों का जन्म समय से पहले हुआ। समय से पूर्व जन्म लेने वाले 45 प्रतिशत बच्चों का जन्म को सिर्फ पांच देशों में हुआ, जिनमें भारत, पाकिस्तान, नाइजीरिया, इथोपिया और चीन शामिल हैं।


संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट ’बोर्न टू सूनः डिकेट ऑफ एक्शन ऑन प्रीटर्म बर्थ’ में खुलासा हुआ है कि बच्चों का समय से पूर्व जन्म एक इमरजेंसी स्थिति है और यह बच्चों की सेहत पर बुरा असर डालती है। 2020 में समय से पूर्व जन्म लेने वाले बच्चों में से करीब 10 लाख की मौत हो गई थी। बांग्लादेश में समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों का आंकड़ा सबसे ज्यादा 16.2 प्रतिशत है। इसके बाद मलावी और पाकिस्तान का नंबर आता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि समय से पहले बच्चों के जन्म में वायु प्रदूषण बड़ा कारण है।


गर्भवती महिलाओं को भी बढ़ा खतरा
संयुक्त राष्ट्र की यह रिपोर्ट ऐसे समय जारी हुई है, जब इंटरनेशनल मेटरनल न्यूबोर्न हेल्थ कॉन्फ्रेंस (आईएमएनएचसी) का दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में आयोजन हो रहा है। डब्लूएचओ, यूनिसेफ जैसी संस्थाओं ने गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए निवेश बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही प्रकृति के साथ जीवन जीने की कोशिश, इमरजेंसी व्यवस्था को आधुनिक बनाकर और समन्वय बनाकर स्थिति को बेहतर किया जा सकता है।
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