
नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- यमुना की सफाई के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने ऑपरेशन साहिबी रिवर शुरू किया है। इसके लिए साहिबी रिवर बोर्ड भी बनाया गया है। जल बोर्ड अफसरों का कहना है कि यमुना में जितनी गंदगी है, उसकी करीब 60 फीसदी नजफगढ़ ड्रेन से आती है। अगर इसे साफ कर दिया जाता है, तो यमुना में गंदगी अपने आप कम हो जाएगी। इसलिए नजफगढ़ ड्रेन में जितने भी सब-ड्रेन आकर मिलते हैं, उन सभी को ट्रैप करने का प्लान बनाया गया है। पहले फेज में तिमारपुर से पंजाबी बाग के बीच 11 किलोमीटर लंबे स्ट्रेच में मिलने वाले 23 ड्रेन को ट्रैप किया जाएगा।
जल बोर्ड ने की खास तैयारी
दिल्ली जल बोर्ड सूत्रों के मुताबिक नजफगढ़ ड्रेन की कुल लंबाई करीब 57 किलोमीटर है। तिमारपुर से होते हुए यह पंजाबी बाग, वेस्ट दिल्ली के तमाम इलाकों से गुजरता हुआ हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर यमुना में मिलता है। 57 किलोमीटर लंबे स्ट्रेच में 50 से अधिक सब-ड्रेन हैं। ये सब रिहायशी और कमर्शियल एरिया का गंदा पानी लाकर नजफगढ़ ड्रेन में मिलते हैं।
इसलिए शुरू हुआ ऑपरेशन साहिबी रिवर
यही पानी नजफगढ़ ड्रेन से यमुना में पहुंचता है और यमुना में सबसे अधिक गंदगी की वजह है। अफसरों का कहना है कि अगर नजफगढ़ ड्रेन में गिरने वाले सभी सब-ड्रेन के गंदे पानी को ट्रैप कर साफ किया जाता है, तो यमुना में आधी से अधिक गंदगी दूर हो जाएगी। इसलिए ऑपरेशन साहिबी रिवर शुरू किया गया है।
पहले फेज में 11 किमी स्ट्रेच की सफाई
नजफगढ़ ड्रेन का तिमारपुर से पंजाबी बाग तक करीब 11 किलोमीटर लंबे स्ट्रेच की सफाई का डीपीआर तैयार किया जा रहा है। इस स्ट्रेच में 23 एक्टिव ड्रेन हैं। सबसे पहले इनसे नजफगढ़ ड्रेन में आने वाले पानी को साफ किया जाएगा। इसके बाद बाकी 27 और सब-ड्रेन का भी डीपीआर तैयार किया जाएगा। अगले एक हफ्ते में डीपीआर तैयार करने का आदेश दिया गया है। जल बोर्ड अफसरों के मुताबिक यमुना में रोजाना करीब 3441.22 एमएलडी गंदा पानी मिलता है। इसमें से करीब 60 फीसदी गंदा पानी नजफगढ़ ड्रेन से ही आता है।
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