
इटली/यूके/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- ब्रिटेन के सबसे बड़े टेक बिजनेस टाइकून माइक लिंच की इटली में रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई है। लिंच के मौत से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। उनका शव इटली में सिसिली के तट पर डूबे उनके लक्जरी सुपरयाट में पाया गया। उनकी रहस्यमयी मौत और याट हादसे ने दुनियाभर का ध्यान खींचा है।

इटली के सिसिली में मौजूद एक तट पर 19 अगस्त की देर रात भीषण तूफान आने से एक लग्जरी नाव डूब गई। इस हादसे में 1 व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 6 लोग लापता हैं। लापता लोगों में ब्रिटेन के टेक दिग्गज माइक लिंच और उनकी बेटी भी शामिल हैं। इसे लेकर इटैलियन कोस्ट गार्ड ने एक बयान जारी किया है। बयान के मुताबिक़, ‘बेयसियन’ नाम की एक ब्रिटिश झंडे वाली नाव 22 लोगों को ले जा रही थी और पोर्टिसेलो बंदरगाह के पास तट पर खड़ी थी। इसी दौरान अचानक तेज़ तूफान आया और नाव डूब गई।

ब्रिटेन के मशहूर बिजनेसमैन माइक लिंच, जिन्हें ’ब्रिटेन के बिल गेट्स’ के नाम से भी जाना जाता था, की उम्र 59 साल थी और वे अपने व्यापारिक योगदान के लिए ब्रिटेन में काफी मशहूर थे। इस याट में माइक लिंच के साथ उनकी पत्नी एंजेला बकारेस, बेटी हन्नाह और 10 क्रू मेंबर्स सहित 12 यात्री सवार थे। हादसे के बाद एंजेला सहित 14 लोगों को बचा लिया गया, लेकिन उनकी बेटी हन्नाह अब भी लापता है। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में हन्नाह की मौत की भी बात कही जा रही है, लेकिन अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

ये घटना इटली के पलेर्मो प्रांत के पोर्टिसेलो गांव के तट पर हुई। घटना के वक्त ये स्पष्ट नहीं था कि डूबा याट किसका है, लेकिन जांच के बाद पता चला कि ये याट एंजेला बकारेस का था, और माइक लिंच और उनकी बेटी भी इसमें मौजूद थे। माइक लिंच का जन्म 1965 में पूर्वी लंदन के इलफोर्ड में हुआ था। उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स, गणित और जीवविज्ञान की पढ़ाई की और बाद में सिग्नल प्रोसेसिंग और संचार में पीएचडी की।उनका करियर 1996 में उस वक्त ऊंचाई पर पहुंचा जब उन्होंने ऑटोनॉमी नाम की कंपनी की स्थापना की। इस कंपनी ने तकनीकी क्षेत्र में नई पहचान बनाई और ब्रिटेन की बड़ी टेक कंपनियों में शुमार हो गई।हाल ही में, लिंच ने हेवलेट पैकर्ड के आरोपों पर एक ऐतिहासिक अमेरिकी मुकदमे में जीत भी हासिल की थी, जिससे उनका नाम फिर से सुर्खियों में आया था।

इसके बाद बीते दशक (2010-2020) का ज़्यादातर समय उन्होंने अदालती कार्यवाही में बिताया। साल 2024 में सैन फ्रांसिस्को की एक जूरी ने उन्हें बरी कर दिया। इससे पहले उन्होंने एक साल से ज़्यादा समय तक घर में नज़रबंद रहकर समय बिताया। उस समय उन्होंने कहा था कि वो आपराधिक मुकदमे में दोषमुक्त होने से “खुश“ हैं। उन्होंने किसी भी ग़लत काम से इनकार किया था और दोनों कंपनियों की इस गड़बड़ी में एचपी को दोषी ठहराया था।
More Stories
गुभाना में वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई को पुण्यतिथि पर किया नमन
पहली ही बारिश में पालम में जलभराव से हाहाकार, सरकार के दावे हुए फेल
वी के शर्मा बने हिंदूस्तानी सेवा दल के अखिल भारतीय प्रवक्ता
नजफगढ़ के सोमबाजार में जलभराव की समस्या का जल्द होगा समाधान- नीलम पहलवान
20 जून 2025 राशिफल: जानिए शुक्रवार को किस राशि पर बरसेगी किस्मत
भयानक हादसा: बंगाल में बस-लॉरी टक्कर से तीन की मौत, कई घायल