पटना/अनिशा चौहान/ – भाजपा के दिग्गज नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का निधन हो गया। वे कैंसर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। उनके चले जाने से बिहार बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। वह प्रदेश में बीजेपी के सीनियर नेताओं में से एक थे। बिहार में पार्टी को मजबूत करने में उनका बड़ा योगदान रहा है।
बता दें सुशील कुमार मोदी ने 3 अप्रैल को खुद ही सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी दी थी। उनका इलाज दिल्ली एम्स में चल रहा था। यूरिनरी ब्लेडर कैंसर के बेहद गंभीर बीमारी है, जिसमें मरीज को काफी ज्यादा तकलीफों का सामना करना पड़ता है। सुशील कुमार मोदी भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ और बिहार के तीसरे उपमुख्यमंत्री थे। वे बिहार के वित्त मंत्री भी रहे। इनका जन्म 5 जनवरी, 1952 को पटना जिले में एक मारवाड़ी (वैश्य बनिया) परिवार में हुआ। उनकी उम्र 72 साल थी।
क्या होता है यूरिनरी ब्लैडर कैंसर
यूरिनरी ब्लैडर कैंसर एक क्रमिक रूप से विकसित होने वाला कैंसर है जो आपके पेशाब के पथ में उत्पन्न होता है। यह कैंसर पेशाब की गाड़ी की दीवारों को प्रभावित करता है, जिससे आपके गुर्दे के निकट यूरिन को संचालित करने के लिए जिम्मेदार होता है। इसके मुख्य लक्षणों में पेशाब करने के समय दर्द, अधिक पेशाब की इच्छा, यूरिन में खून के मिश्रण, या पेशाब के साथ कोई अनियमितता शामिल हो सकती है। इसे शुरूआती चरण में पहचानना और उपचार कराना महत्वपूर्ण होता है। चिकित्सा देखभाल व्यवस्थित रूप से की जानी चाहिए।
यूरिनरी ब्लैडर कैंसर के लक्षण:
1 पेशाब के समय दर्द या असहनीय आवेग: यह एक सामान्य लक्षण हो सकता है, जो पेशाब के समय असहनीय दर्द या तनाव के रूप में प्रकट हो सकता है।
2 अधिक पेशाब की इच्छा: यूरिनरी ब्लैडर कैंसर के मरीजों में अक्सर अधिक पेशाब की इच्छा होती है, जिसे पोलाकीरिया कहा जाता है।
3 यूरिन में खून का मिश्रण: अधिकांश मामलों में, यूरिनरी ब्लैडर कैंसर के मरीजों के यूरिन में खून का मिश्रण हो सकता है, जिसे हेमेटुरिया कहा जाता है।
4 पेशाब के साथ अनियमितता: यूरिनरी ब्लैडर कैंसर के मरीजों में पेशाब के साथ अनियमितता या अस्थिरता हो सकती है।
5 पेशाब के समय बहाव की कमी: ये लक्षण कैंसर के उत्पन्न होने की संभावना को संकेत देता है, क्योंकि यह ब्लैडर की गाड़ी में ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है।
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