• DENTOTO
  • बांके बिहारी मंदिर को विदेशी फंड मिलने का रास्ता हुआ साफ, सरकार ने दिया FCRA लाइसेंस

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    June 2025
    M T W T F S S
     1
    2345678
    9101112131415
    16171819202122
    23242526272829
    30  
    June 4, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    बांके बिहारी मंदिर को विदेशी फंड मिलने का रास्ता हुआ साफ, सरकार ने दिया FCRA लाइसेंस

    मानसी शर्मा/- यूपी के वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर को लेकर केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने मंदिर को विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) के तहत लाइसेंस दिया गया है। यानी अब विदेशी भक्त मंदिर में खुलकर दान दे सकेंगे। मंदिर के संचालन के लिए कोर्ट द्वारा गठित प्रबंधन समिति ने इस लाइसेंस के लिए आवेदन दिया था। कोर्ट की मंजूरी के बाद इस आवेदन की प्रक्रिया पूरी की गई। बता दें, मंदिर का प्रबंधन वर्तमान में कोर्ट द्वारा किया जाता है। जिसने एक प्रबंधन समिति गठित की है, जो इसके कामकाज देखती है।

    इस समिति के अनुसार, मंदिर के खजाने में बहुत सारी विदेशी मुद्राएं हैं। वे आगे भी विदेशों से दान प्राप्त करने का इरादा रखते हैं। मंदिर के प्रबंधन पर राज्य सरकार का हस्तक्षेप वर्तमान प्रबंधन समिति ने FCRA लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। मंदिर का प्रबंधन पहले पुजारियों के एक परिवार द्वारा किया जाता था। बता दें, पहले यह निजी प्रबंधन के अधीन था। गृह मंत्रालय ने आवेदन और अदालत की मंजूरी के बाद पूरी प्रक्रिया कराई, जिसके बाद एफसीआरए के तहत विदेशी धन प्राप्त करने का लाइसेंस दिया है।

    बता दें, बांके बिहारी मंदिर का निर्माण 550 साल पुराना है। यहां पूजा अर्चना का काम और प्रबंधन पुजारियों के परिवारों द्वारा ही देखा जाता रहा है। इस मंदिर को सेवायत गोस्वामी, सारस्वत ब्राह्मण और स्वामी हरिदास के वंशज चलाते रहे हैं। लेकिन अब राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद इस मंदिर का प्रबंधन कोर्ट द्वारा गठित समिति ही देख रही है। मंदिर के पास करोड़ रुपए का फंड बताया जा रहा है कि वर्तमान समय में मंदिर के पास सोने-चांदी और अन्य किमती सामानों के साथ ही 480 करोड़ रुपए का फंड है। इसमें विदेशी फंड भी शामिल है। ऐसे में इस विदेश दान का उपयोग करने के लिए और आगे भी विदेशी दान प्राप्त करने के लिए मंदिर को विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत रजिस्ट्रेशन की जरूरत थी। बता दें, FCRA, 2010 के तहत गैर सरकारी संगठन और समूहों को विदेश से किसी भी तरह का फंड हासिल करने के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया था।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox