प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के लिए परियोजनाओं का उद्घाटन किया

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December 31, 2025

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प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के लिए परियोजनाओं का उद्घाटन किया

अनीशा चौहान/- उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ 2025 के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें शहर में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए 10 नए रोड ओवर ब्रिज (ROB) या फ्लाईओवर, स्थायी घाट और रिवरफ्रंट सड़कें जैसी प्रमुख रेल और सड़क परियोजनाएं शामिल हैं। इस उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित किया और महाकुंभ के महत्व पर जोर दिया।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ को सफल बनाने के लिए दिन-रात काम कर रहे कर्मचारियों, श्रमिकों और सफाई कर्मियों का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अगले साल का महाकुंभ देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को नए शिखर पर ले जाएगा। पीएम मोदी ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा, “अगर मुझे इस महाकुंभ का वर्णन करना हो तो मैं कहूंगा कि यह एकता का ऐसा महायज्ञ होगा, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होगी। मैं इस आयोजन की भव्य और दिव्य सफलता की आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं।”

महाकुंभ और भारतीय नदियों का महत्व

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “भारत पवित्र नदियों का देश है, जैसे गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी, नर्मदा। इन नदियों का प्रवाह और इन तीर्थों का महत्व अनमोल है। यह प्रयाग है, जहां इन नदियों का संगम होता है, और यही हमारी संस्कृति, इतिहास और सभ्यता का प्रतीक है।”

कुम्भ का सामाजिक महत्व

प्रधानमंत्री मोदी ने कुम्भ जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों के महात्म्य पर भी विचार साझा किया। उन्होंने कहा, “जब संचार के आधुनिक साधन नहीं थे, तब कुम्भ जैसे आयोजन समाज में बड़े सामाजिक परिवर्तनों का आधार बनते थे। कुम्भ में संत और ज्ञानी लोग मिलकर समाज के सुख-दुख की चर्चा करते थे, वर्तमान और भविष्य पर चिंतन करते थे। आज भी कुम्भ जैसे आयोजन उसी महात्म्य को बनाए हुए हैं। ऐसे आयोजनों से देश के कोने-कोने में सकारात्मक संदेश जाता है और राष्ट्र चिंतन की धारा निरंतर प्रवाहित होती है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर महाकुंभ 2025 के आयोजन को ऐतिहासिक और दिव्य बनाने के लिए सभी को अपनी शुभकामनाएं दी और विश्वास जताया कि यह आयोजन विश्वभर में भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक बनेगा।

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