नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- प्रधानमंत्री मोदी अपने पहले यूक्रेन दौरे पर पहुंचे हैं, जो रूस के साथ भीषण युद्ध लड़ रहा है। करीब 10 घंटे की ट्रेन यात्रा के बाद PM मोदी राजधानी कीव पहुंचे जहां भारतीय समुदाय ने उनका जोरदार स्वागत किया। भारतीय प्रधानमंत्री के इस दौरे पर अमेरिका से लेकर रूस तक की नजर है, लेकिन पर्दे के पीछे चीन की भी पैनी नजर है। चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने भी PM मोदी के दौरे पर टिप्पणी की है।
बता दें कि, ग्लोबल टाइम्स ने चीनी विशेषज्ञों के हवाले से कहा है कि PM मोदी रूस और यूक्रेन के बीच ‘योग डिप्लोमेसी’ के इस्तेमाल की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय PMदो युद्धरत गुटों के बीच की खाई को पाटने में भारत का लचीलापन देखना चाहते हैं। हालांकि, चीनी विश्लेषकों ने दावा किया कि भारत के पास इस बार ‘योग डिप्लोमेसी’ को सफलतापूर्वक लागू करने की क्षमता नहीं है।
‘भारत में ताकत नहीं, सफलता नहीं मिलेगी’
चीनी विशेषज्ञों का दावा है कि भारतीय प्रधानमंत्री का यह कदम सिर्फ अपना वजूद दिखाने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि बढ़ते टकराव को खत्म करने में भारत कोई अहम भूमिका नहीं निभा पाएगा। चीनी प्रोफेसर लॉन्ग ज़िंगचुन ने ग्लोबल टाइम्स में लिखा, ‘इस समय भारत के पास मॉस्कोम और कीव के बीच मतभेदों को कम करने की न तो ताकत है और न ही प्रभाव। इसका कारण यह है कि यूरोप में भारत का प्रभाव बहुत सीमित है। साथ ही रूस के कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन के आक्रामक अभियान के बाद दोनों पक्षों के बीच बातचीत की संभावना और कम हो गई है।
इससे पहले रूस के पूर्व राष्ट्रपति और पुतिन के करीबी दिमित्री मेदवेदेव ने कहा था कि कुर्स्क में हमले के बाद जब तक ज़ेलेंस्की की सेना युद्ध के मैदान में पूरी तरह से हार नहीं जाती तब तक यूक्रेन के साथ कोई बातचीत नहीं होगी।
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