नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने खेड़ा के खिलाफ दर्ज एफआईआर और आपराधिक कार्रवाई को रद्द करने से इनकार कर दिया है। गुरुवार (चार जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है। पीठ ने कहा, ’माफ कीजिए, हमारा कोई इरादा नहीं है।’
खेड़ा के खिलाफ पीएम मोदी पर गलत टिप्पणी करने पर मामला दर्ज किया गया था। उसे रद्द करने के लिए कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, लेकिन गुरुवार (4 जनवरी) को सुनवाई के बाद कोर्ट ने साफ कर दिया कि एफआईआर रद्द नहीं होगी। जस्टिस बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने खेड़ा की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको निचली अदालत में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा. पहले यह सुनवाई 13 अक्तूबर को होनी थी।
हाई कोर्ट से भी हाथ लगी थी मायूसी
इससे पहले, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आपराधिक मामला रद्द करने की खेड़ा की याचिका खारिज कर दी थी। दरअसल, पवन खेड़ा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पवन खेड़ा के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया था। बाद में खेड़ा ने केस को निरस्त करने करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. कोर्ट ने इस पर यूपी सरकार से जवाब मांगा था।
“माफी मांगकर नहीं बच सकते“
यूपी सरकार ने खेड़ा की याचिका का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया कि पुलिस निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। खेड़ा के लिए पेश वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कोर्ट से सुनवाई टालने की मांग की, लेकिन जस्टिस बी आर गवई और संदीप मेहता की बेंच ने इससे मना कर दिया। जजों ने कहा कि आप माफी मांग कर अपने अपराध को खत्म नहीं कर सकते. आप निचली अदालत में मुकदमे का सामना कीजिए।
क्या है मामला
पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में पवन खेड़ा के खिलाफ हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। मुंबई में 17 फरवरी 2023 को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पवन खेड़ा ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। पीएम नरेंद्र मोदी के पिता के नाम को गौतम अडानी से जोड़ते हुए उन्होंने इशारों इशारों में तंज कसा था, जिस पर खूब विवाद हुआ था।
उत्तर प्रदेश और असम में एफआईआर
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के मामले में 20 मार्च 2023 को, सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में तीन एफआईआर को एक साथ जोड़ दिया था। असम में एक और उत्तर प्रदेश में खेड़ा के खिलाफ दर्ज दो एफआईआर को जोड़ने के अलावा कोर्ट ने अंतरिम जमानत की अवधि भी बढ़ा दी थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मामले को लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया गया था।
गिरफ्तारी के बाद जमानत पर बाहर हैं खेड़ा
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को 23 फरवरी 2023 को दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें रायपुर जाने वाले विमान से उतार दिया गया था। नाटकीय घटनाक्रम के बीच खेड़ा को उसी दिन सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत भी मिल गई थी, जिसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है। सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत के बाद खेड़ा को लखनऊ कोर्ट से जमानत भी मिली थी। कथित टिप्पणी के लिए खेड़ा ने अदालत में बिना शर्त माफी मांगी है। बावजूद इसके सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बार बार माफी के बावजूद कार्रवाई से नहीं बचा जा सकता।
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