नई दिल्ली/- बसई दारापुर में दिल्ली पंचायत संघ ने दिल्ली के 360 गांवों के मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण पंचायत की जिसमें गांवों पर थोपे जा रहे बुनियादी नियमों, मलिकाना हक न मिलने, हाउस टैक्स माफ न होने, गांवों में बिजली-पानी के कनेक्शन न देने के विषय पर गहन चर्चा व रोष प्रकट किया। इसके अलावा सभी राजनीतिक दलों के प्रदेश अध्यक्षों और सांसदों को एकजुट होकर एक सशक्त मांग पत्र प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया। पंचायत ने चेतावनी भी दी कि यदि जल्द ही गांवों के मूल अधिकारों और मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस आंदोलन के तहत दिल्ली सरकार और एमसीडी में सत्तारूढ़ शासन का आगामी विधानसभा चुनाव में विरोध किया जाएगा और उन्हें गांवों में प्रवेश से रोका जाएगा।
पंचायत में सौ से अधिक गांवों के प्रमुख प्रतिनिधियों ने भाग लिया और इसकी अध्यक्षता दिल्ली ग्राम सुधार महासभा 360 पालम के अध्यक्ष चौ. राजेंद्र सोलंकी ने की। इस मौके पर पंचायत संघ के प्रमुख थान सिंह यादव, जगदीश तंवर, डा. कुणाल तंवर, तंवर समाज के अध्यक्ष श्रीनिवास तंवर, बाल्मीकि समाज के अध्यक्ष सरवर उज्जैनवाल, पूर्व प्रधानाचार्य व सह प्रमुख ओमवीर शौकीन व सुनील शर्मा, राष्ट्रवादी युवा संघ के अध्यक्ष आदित्य तंवर, मनोज त्यागी आदि ने गांवों की उपेक्षा करने की कड़ी निंदा की।
पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार और एमसीडी को गांवों विरोधी नीतियों को रोकने और गांवों की समस्याओं को हल करने के लिए मजबूर करने की दिशा में एक-एक ज्ञापन उनके मुख्यालय पर नोटिस चस्पा करना होगा। यादव ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार और एमसीडी लगातार हमारी मांगों को नजरअंदाज कर रही हैं। मंत्री और मेयर घोषणाएं तो कर देते हैं, लेकिन उन्हें लागू करने के कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। विशेष रूप से मेयर द्वारा इस वर्ष गांवों के हाउस टैक्स माफ करने की घोषणा के बावजूद एमसीडी के बजट पास करते समय इस प्रस्ताव को शामिल नहीं किया गया। पंचायत ने मेयर के खिलाफ गांवों को भ्रमित करने के आरोप में एक निंदा प्रस्ताव पारित किया।
पंचायत ने प्रस्ताव पास किया कि सभी दिल्ली गांवों को शीघ्र मलिकाना हक प्रदान किया जाए, हाउस टैक्स माफ किया जाए, भवन उपनियमों से राहत दी जाए और रोजगार के लिए गांवों को व्यवसायिक श्रेणी में लाया जाए। इसके अतिरिक्त, पंचायत ने गांवों के युवाओं को दिल्ली सरकार और एमसीडी की सेवाओं में सौ फीसदी आरक्षण देने व गांवों में बिजली-पानी के कनेक्शन देने पर भी जोर दिया।
वहीं, भलस्वा डेयरी और अन्य डेयरियों को खाली कराने के एमसीडी के निर्णय पर भी पंचायत ने रोष व्यक्त किया। पंचायत ने दिल्ली सरकार से इस दिशा में सक्रिय कदम उठाने की मांग की। पंचायत ने आरोप लगाया कि सरकार ने ग्रामीणों के खिलाफ कार्रवाई करने में तत्परता दिखाई, लेकिन वजीरपुर और उद्योग नगर पीरागढ़ी में औद्योगिक प्लॉट पर बड़े-बड़े बैंक्वट हॉल और शोरूम खुल जाने की चुप्पी साधी हुई है। इस पर पंचायत ने शासन और प्रशासन पर दिल्ली देहात, गांवों और ग्रामीणों के साथ दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है।
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