

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/हैल्थ डेस्क/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-अभी तक हम कोरोना के प्रभावों पर लगातार शोध करते आ रहे है। जिनमें गले में खरास, बुखार, खांसी, थकान व गंध व स्वाद के जाने को ही इसके लक्षण मान रहे थे लेकिन कोरोना का असर हमारे नाखुनों पर भी पड़ता है। हालांकि आंखों में जलन व आंखें लाल होना भी कोरोना का लक्षण बताया गया है। लेकिन यह बात हाल ही में हुए एक शोध में सामने आई है कि कोरोना के संक्रमण के बाद कुछ लोगों के नाखूनों का रंग बदल जाता है या इनका आकार बदल सकता है। अगर ऐसा लगे तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है।
हालांकि शोघ में यह भी कहा गया है कि सावधानी तो जरूरी है लेकिन इतनी चिंता की बात भी नही है। इसे कोविड नाखून कहते हैं। इसमें नाखूनों के बेस पर रेड कलर का हाफ सर्कल बन जाता है। कोविड के मरीजों में इन्फेक्शन के दो सप्ताह से कम समय में यह लक्षण देखा गया। इसके मामले ज्यादा नहीं हैं पर कुछ केसेज देखे गए हैं। यह जानकारी द कन्वर्सेशन में छपे एक शोध में दी गई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि नाखून के बेस के इतने करीब लाल अर्ध चंद्राकार आकृति सामान्य तौर पर नहीं होती। अगर ऐसा दिखता है तो ये कोविड के संक्रमण का संकेत हो सकता है। माना जा रहा है कि नाखून पर ये आकृति या तो वायरस की वजह से रक्त वाहिका में होने वाली क्षति की वजह से बनती है। या फिर दूसरा कारण वायरस की वजह से इम्यून रिस्पॉन्स हो सकता है, जिससे खून के थक्के जमते हैं और नाखून का रंग फीका हो जाता है।
अगर रोगी में कोरोना के लक्षण नहीं हैं तो नाखून के इन निशानों की चिंता करने की बात नहीं है। ये निशान कितने वक्त में जाएंगे यह स्पष्ट नहीं हो सका लेकिन रिपोर्ट किए गए मामलो में 1 से 4 सप्ताह तक ये निशान देखे गए। मरीजों के नाखूनों में दिखने वाले ये बदलाव कुछ दिनों बाद अपने आप ही चले जाते हैं। यह भी याद रखना जरूरी है कि कोरोना के सभी रोगियों में नाखूनों में ये बदलाव नहीं दिखाई देता। कुछ लोगों में अगर चेंजेज दिख रहे हैं तो इसका ये भी मतलब नहीं कि उन्हें कोविड हो गया है।
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