नजफगढ़ विधानसभा में 2 सीटों पर पार्टियों का समीकरण बिगाड़ सकते है निर्दलिय

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April 8, 2025

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नजफगढ़ विधानसभा में 2 सीटों पर पार्टियों का समीकरण बिगाड़ सकते है निर्दलिय

-नजफगढ़ व ईस्सापुर में भाजपा व आम आदमी पार्टी के बागियों ने बिगाड़ा खेल

नजफगढ़/दिल्ली/- जैसे-जैसे निगम चुनाव का प्रचार जोर पकड़ता जा रहा है वैसे-वैसे वार्डों में चुनावी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। लेकिन जहां कुछ समय पहले तक भाजपा व आप में मुकाबला सीधा देखा जा रहा था वहीं अब निर्दलियों ने भी अपना दम दिखाना शुरू कर दिया है। हालांकि अभी भी मुकाबला आप व भाजपा में ही माना जा रहा है लेकिन नजफगढ़ विधानसभा की सभी चारों वार्ड सीटों पर समीकरण बदलते दिखाई दे रहे हैं। नजफगढ़, व ईस्सापुर सीटों पर पार्टी बागियों ने भाजपा व आप का समीकरण बिगड़ दिया है। हालांकि पार्टी प्रत्याशी इस बात से इंकार कर रहे है और अपनी जीत का दावा कर रहे हैं लेकिन निर्दलिय के रूप में चुनाव लड़ रहे बागी भी अपनी जीत को पक्की मान रहे हैं। पिछली बार इस सीट पर निर्दलिय मीना तरूण यादव ने जीत दर्ज की थी जो बाद में भाजपा में शामिल हो गई थी।  
              नजफगढ़ सीट पर सबसे ज्यादा उम्मीदरवार चुनाव लड़ रहे हैं इसका सबसे बड़ा कारण सीट का जनरल होना माना जा रहा है अर्थात् सभी इसी सीट पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। भाजपा की पूर्व पार्षद व सांसद प्रवेश वर्मा के करीबी पार्षदो ंमें शुमार अंतिम गहलोत भाजपा से बगावत कर नजफगढ़ सीट पर चुनाव लड़ रही है। हालांकि अंतिम गहलोत ने क्षेत्र में विकास कराया है और उनकी ईमानदार छवि रही है लेकिन इस वार्ड से भाजपा ने अमित खड़खड़ी को टिकट दिया है जो भाजपा नेता व पूर्व विधायक अजीत खड़खड़ी के पुत्र है। अंतिम गहलोत भाजपा से काफी नाराज दिखाई दे रही है उन्होने भाजपा आलाकमान पर उनके कामों को दरकिनार करने का आरोप लगाया है। वहीं भाजपा प्रत्याशी अमित खड़खड़ी भाजपा के विकास व मोदी जी के नाम पर वोट मांग रहे हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी राजवीर डबास भी मैदान में है और कांग्रेस से कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष सतबीर शर्मा भी चुनाव लड़ रहे हैं। राजवीर डबास नंगली सकरावती से कांग्रेस पार्षद रह चुके है। वह कांग्रेस से बगावत कर आप में आये हैं। राजवीर डबास भी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं और केजरीवाल की 10 घोषणाओं पर जनता से वोट मांग रहे हैं। वहीं कांग्रेस नेता सतबीर शर्मा को भी झाड़ौदा गांव व कालोनियों से पूरा समर्थन मिल रहा है। लेकिन फिर भी निर्दलिय उम्मीदवार पार्टी प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ते दिख रहे हैं।
              ईस्सापुर सीट से निर्दलिय के रूप में चुनाव लड़ रही भाजपा की पूर्व पार्षद मीना तरूण यादव बगावत कर चुनाव लड़ रही हैं। वहीं इसी सीट पर वर्तमान में पार्षद रही सुमन डागर भाजपा की प्रत्याशी है और आम आदमी पार्टी से पिंकी खर्ब उम्मीदवार है। हसके अलावा बसपा व लोजपा से भी उम्मीदवार खड़ें हैं। लेकिन ईस्सापुर सीट पर इस बार मुकाबला त्रिकोणिय बन गया है। यानी भाजपा, आप व निर्दलिय मीना तरूण यादव के बीच मुकाबला होता दिख रहा है। हालांकि सभी प्रत्याशी वार्ड से अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं लेकिन मीना तरूण यादव नये परिसीमन को देखते हुए अपनी जीत का दावा कर रही है। उनका कहना है कि पार्टी ने जब दागदार उम्मीदवारों को
प्रत्याशी बनाया है तो फिर पार्टी का एजेंडा कहां रहा है। हमने निर्दलिय चुनाव लड़कर जीत दर्ज की और फिर मोदी जी की नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुए लेकिन प्रदेश में चल रही जातिगत नीति ने विकास को दरकिनार कर 26 बिरादरी के समीकरण को नकार दिया जिसके चलते उन्हे चुनाव मैदान में उतरना पड़ा। वहीं पिंकी खर्ब की माने तो निगम में भाजपा के भ्रष्टाचार से आज आम आदमी त्रस्त है। और आम आदमी पाटी इस बार निगम में अपनी सरकार बना कर जनता को भाजपा के भ्रष्टाचार से मुक्त करायेगी। भाजपा प्रत्याशी सुमन डागर की माने तो उन्होने क्षेत्र में बिना भेदभाव के विकास किया है। लेकिन कुछ लोग जिन्हे गलत करने से रोका गया आज वही गलत प्रचार कर रहे हैं। उनकी जीत पक्की है और वह फिर लोगों की सेवा करेंगी। हालांकि इस सीट पर पहले भी भाजपा की सुमन डागर ने ही जीत दर्ज की थी लेकिन नये परिसीमन के बाद सीट पर समीकरण बदल गये है।
             रोशनपुरा वार्ड में भाजपा से देवेन्द्र डबास उर्फ बांके पहलवान को टिकट दिया गया है। हालाकि वह अभी तक साफ छवि के नेता रहे हैं और उन्होने जिला व प्रदेश स्तर पर पार्टी के पदों पर भी काम किया है। स्वयं बांके पहलवान का कहना है कि उन्होने अपने क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशियों के लिए हर चुनाव में बढ़चढ़ कर काम किया है। और अनेकों उम्मीदवारों को जीत दर्ज करने में पूरा सहयोग किया है। वहीं आम आदमी पार्टी ने इस बार डा. संजय परासर को उम्मीदवार बनाया है। संजय परासर ने प्रत्याशी बनकर सभी को चौंका दिया है। हालांकि उनकी भी सामाजिक स्तर पर छवि साफ रही है। वह अपनी  ट्रस्ट के माध्यम से सदा गरीबों व युवाओं की मदद करते रहे हैं। अब देखना यह है कि जनता उनकी कितनी मदद करती है। हालांकि डा परासर केजरीवाल की 10 नीतियों को आम आदमी के लिए काफी अच्छा बता रहे है। रोशनपुरा सीट पर इस बार भाजपा व आप में सीधा मुकाबला देखा जा रहा है। हालांकि इस सीट से पहले भी भाजपा के सत्यपाल मलिक ने आप के उम्मीदवार नरेश शर्मा को हरा कर जीत दर्ज की थी। इस बार बांके पहलवान क्या कर पाते है यह देखना बाकि है।

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