दुनिया भर में मंडराते युद्ध के बादलों में जीवन की आस जगाते महावीर के सिद्धांत

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दुनिया भर में मंडराते युद्ध के बादलों में जीवन की आस जगाते महावीर के सिद्धांत

-महावीर के सिद्धांतों पर आरजेएस पीबीएच व उज्जवल वीमेंस एसोसिएशन ने किया कार्यक्रम आयोजित -वेबिनार में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आरजेएसिएन्स को मतदान के लिए किया गया प्रेरित

नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- रविवार 21 अप्रैल को भगवान महावीर के सिद्धांतों अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह पर आरजेएस पीबीएच संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक उदय मन्ना के संयोजन में उज्जवल वीमेंस एसोसिएशन के सहयोग से 221 वां कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उज्जवल वीमेंस एसोसिएशन की अध्यक्षा बीना जैन ने की और मुख्य अतिथि डा. आशिमा श्रवण तथा मुख्य वक्ता डॉ. दीपिका भंडारी थी। विशेष अतिथि डा.शशि प्रभा जैन थीं और संचालन उज्जवल की प्रेसिडेंट प्रो. यूथिका मिश्रा ने किया। वहीं धन्यवाद ज्ञापन पूनम मित्तल ने किया।

वेबिनार का शुभारंभ डा. मणीन्द्र जैन श्री दिगम्बर जैन महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष के संबोधन से हुआ। उन्होंने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आरजेएसिएन्स को लोकतंत्र के महापर्व में मतदान के लिए प्रेरित किया। वक्ताओं ने कहा कि दुनिया भर में युद्ध के मंडराते बादलों में महावीर के सिद्धांतों का पालन जीवन की आस जगाते हैं। इनके सिद्धांतों के पीछे वैज्ञानिक सोच है, जो समाज के लिए हितकारी हैं। वेबिनार में शाकाहार का महत्व, उपवास और सूर्यास्त से पहले भोजन की जीवनशैली के पीछे विज्ञान पर प्रकाश डाला गया।
          वक्ताओं ने कहा कि वैज्ञानिक, सच तक पहुंचने के लिए प्रयोगशाला में प्रयोग करते हैं तो महावीर ने अपने शरीर को ही एक प्रयोगशाला में तब्दील कर लिया था। वर्षों की कठोर तपस्या (शोध) के पश्चात उनकी आत्मा की ज्ञानशक्ति विकास के उस चरम पर पहुंची जिसे जैन दर्शन में केवलज्ञान कहा जाता है।
         भगवान् महावीर के सिद्धांत आज वैज्ञानिक दृष्टि से सर्वमान्य हो चुके हैं। महावीर द्वारा बताये गये अहिंसक मार्ग पर चलने से स्वस्थ, समृद्ध एवं सुखी समाज का निर्माण संभव है। मानव समाज के विकास के लिए शांति आवश्यक है।महावीर जयंती विशेष-भगवान महावीर के यह सिद्धांत जीवन को आलोकित ही नहीं बल्कि आदर्श जीवन की ओर भी अग्रसर करते हैं।
          वेबिनार में दीपचंद माथुर, प्रो बिजॉन कुमार मिश्रा, प्रफुल्ल डी शेठ-रंजन बेन, सुरजीत सिंह दीदेवार, श्वेता गोयल, नीरू जैन, सुदीप साहू, इसहाक खान, संदीप मेहता, मंजूला भगत, डा.आर के गुप्ता, राजेन्द्र सिंह कुशवाहा, रशिका गुप्ता, शीला, आकांक्षा, मयंक, सुनीति जौहरी, सोनू कुमार, सुशील निगम, रेखा ए. सैली, दीपा शुक्ला, रविंदर कुमार, सुनीता पाल, डा.अखिल सेंगर और राकेश कुमार जैन आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में श्री मन्ना ने अगले रविवार 28 अप्रैल को आर्यभट्ट क्लासेस न्यू अशोक नगर, दिल्ली के सहयोग से समग्र स्वास्थ्य उपायों पर पर्यावरणीय प्रभाव विषय पर 222वें बैठक की घोषणा की।

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