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    दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल ने की थी महिला सिपाही की हत्या, गिरफ्तार

    -दो साल बाद मिला कंकाल, शादी से मना करने पर किया कत्ल, पुलिस को करता रहा गुमराह

    नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- महिला सिपाही की हत्या के मामले में दो साल से पुलिस को गुमराह कर रहा दिल्ली पुलिस का हवलदार आखिर पुलिस की सधी हुई जांच में फंस ही गया। पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने इस मामले से पर्दा उठाते हुए आरोपी हवलदार सुरेन्द्र सिंह राणा को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि शादी करने की चाहत पूरी न होने पर दिल्ली पुलिस के एक हवलदार ने वर्ष 2020 में इस्तीफा दे चुकी पूर्व महिला सिपाही की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। उसने हत्याकांड का ऐसा जाल बुना कि दो साल तक पूर्व सिपाही की हत्या का राज नहीं खुला। मामले की जांच जब क्राइम ब्रांच के पास पहुंची तो पुलिस ने हत्याकांड की पूरी साजिश से पर्दा उठा दिया। पुलिस ने इस संबंध में दिल्ली पुलिस के हवलदार सुरेंद्र सिंह राणा, साले राविन निवासी गांव ससरौली, झज्जर, हरियाणा और राविन के दोस्त राजपाल निवासी गांव सुरहेती, झज्जर निवासी को गिरफ्तार कर लिया है।
             पुलिस ने सुरेंद्र की निशानदेही पर पूर्व महिला सिपाही का कंकाल बुराड़ी इलाके में नाले से बरामद कर लिया है। आरोपी ने गला घोंटकर हत्या करने के बाद शव को नाले में पत्थरों के नीचे छिपा दिया था। पुलिस ने कंकाल को कब्जे में लेकर फॉरेंसिक विभाग के पास भेज दिया है। अब पुलिस पूर्व सिपाही की पहचान को पुख्ता करने के लिए उसकी मां का डीएनए सैंपल लेकर उनसे मिलान करने की तैयारी कर रही है।

    दिल्ली पुलिस में थी सिपाही
    क्राइम ब्रांच के विशेष आयुक्त रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि मुखर्जी नगर थाने में 20 अक्तूबर 2021 को 28 वर्षीय एक युवती की गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। मूलरूप से गांव कोटा, बुलंदशहर की रहने वाली शबनम (बदला हुआ नाम) यहां पीजी में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। शिकायत में बताया गया कि आठ सितंबर 2021 से शबनम पीजी से गायब है। परिजनों ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2014 में शबनम दिल्ली पुलिस में सिपाही भर्ती हुई थी। उसकी तैनाती पीसीआर में रही। इस बीच वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती रही। उसका यूपी में सब इंस्पेक्टर पद के लिए चयन हो गया।

    परिजनों को अलग-अलग जगह से आते थे फोन
    उसने 2020 में दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद से इस्तीफा दे दिया। वह मुखर्जी नगर में रहकर यूपीएससी की तैयारी करने लगी। गायब होने के बाद परिवार को कभी पंजाब, कभी अलीगढ़ तो कभी मेरठ व दूसरे स्थानों से किसी अरविंद नाम के युवक के कॉल्स आने लगे। अरविंद कॉल पर कहता था कि उसने शबनम से शादी कर ली है, शबनम उसके साथ है, अरविंद को अपने घर वालों से डर है। घर वाले कहीं उसकी व शबनम की हत्या न कर दें, इसलिए वह छिपते फिर रहे हैं। परिजनों ने शबनम से बात कराने की बात की तो वह टाल देता था। परिवार वापस जब उस नंबर पर कॉल करता तो उसका नंबर बंद आता था। फोन आने पर परिजन जब उससे पूछते तो वह राहगीर का फोन होने की बात करता।

    ऐसे हुआ खुलासा
    बेटी का जब सुराग नहीं लगा तो मां ने मुखर्जी नगर थाने में मामला दर्ज करने की गुहार लगाई। 12 अप्रैल 2023 को मुखर्जी नगर थाना पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। लेकिन लोकल पुलिस शबनम का पता नहीं लगा सकी। इस बीच परिजनों ने दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा से मुलाकात की। मामले की जांच करीब दो माह पहले दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई। मामले की पड़ताल शुरू की गई। सबसे पहले उस नंबर की जांच की गई, जिस नंबर से अरविंद नाम का युवक शबनम के परिवार को कॉल करता था। जांच में पता चला सिम किसी पवन कुमार नामक की फर्जी आईडी पर निकाला गया था, लेकिन उस पर राजपाल नाम के युवक की फोटो लगी थी। राजपाल शबनम के परिवार के करीबी हवलदार सुरेंद्र सिंह राणा के साले राविन का दोस्त था। राजपाल से पूछताछ की तो उसने राविन का नाम लिया। राविन ने पूछताछ में सारा राज उगल दिया। उसने बताया कि उसके जीजा सुरेंद्र ने ही शबनम की हत्या कर शव को गायब कर दिया है।

    पुलिस को गुमराह करता रहा सुरेंद्र सिंह राणा
    पुलिस ने पूछताछ के दौरान सुरेंद्र को हिरासत में लिया तो वह पुलिस को गुमराह करने लगा। पहले तो उसने हत्या की बात स्वीकार नहीं की। बाद में उसने हत्या की बात स्वीकार की तो शव को यमुना में फेंकने की बात करने लगा। पुलिस ने दिल्ली में यमुना से सटे सभी थानों में शबनम का शव मिलने की पड़ताल की। सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपी ने शनिवार को बुराड़ी इलाके के नाले से शबनम के कंकाल को बरामद करवाया। कंकाल नाले के अंदर कई पत्थरों के नीचे दबा था। पुलिस ने कंकाल को कब्जे में लेकर छानबीन के लिए भेजा। आरोपी परिवार के नजदीक रहकर उनको गुमराह करता रहा। इसके अलावा वह शबनम की ढूंढने में मदद का नाटक भी करता रहा।

    इसलिए की गई पूर्व महिला सिपाही की हत्या
    शबनम ने वर्ष 2014 में दिल्ली पुलिस ज्वाइन किया था। पीसीआर में उसकी तैनाती हुई। सुरेंद्र भी पीसीआर में उस समय हवलदार था। दोनों की पहचान हो गई। सुरेंद्र शबनम के घर बुलंदशहर भी आने लगा। यहां तक परिवार के कार्यक्रम में शामिल होता था। सुरेंद्र शादीशुदा था। उसका एक बच्चा है। परिवार अलीपुर में रहता है। इधर शबनम तरक्की करती जा रही थी। सुरेंद्र को लगता था कि वह यूपीएससी पास कर लेगी। सुरेंद्र ने शबनम से शादी का दबाव बनाना शुरू कर दिया, लेकिन शबनम इसके लिए तैयार नहीं थी। सुरेंद्र को लगता था कि कहीं शबनम उसके परिवार से यह राज न खोल दे। इसलिए उसने उसकी हत्या की योजना बनाई। आठ सितंबर 2021 को हत्या कर बुराड़ी नाले में फेंककर पत्थरों में छिपा दिया। बाद में हत्याकांड पर पर्दा डालने के लिए वह परिवार के साथ शबनम को तलाश करने का नाटक करता रहा। वह बकायदा मुखर्जी नगर थाने पहुंचकर पुलिसकर्मियों पर शबनम की तलाश करने का दबाव बनाता था। परिवार को गुमराह करने के लिए वह अपने साले रावित से अरविंद बनकर अलग-अलग इलाकों में कॉल भी करवाता था।

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