नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने लेखिका अरुंधति रॉय और कश्मीर के पूर्व प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन पर यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। ये मंजूरी 2010 में नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के लिए दी गई है। जिसके बाद विपक्ष और भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। विपक्ष पार्टियों ने आरोप लगाया बीजेपी अभिव्यक्ति की आजादी को दबा रही है।
राज निवास के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि नई दिल्ली के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश पर अरुंधति रॉय और शेख शौकत हुसैन के खिलाफ थ्प्त् दर्ज की गई है. जिसके बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), कांग्रेस और ज्डब् आदि ने अरुंधति रॉय के खिलाफ की गई इस कार्रवाई की निंदा की है और कहा कि ये कदम फासीवादी है.
एक्स पर छिड़ी जंग
सीपीआई एम ने एक्स पर लिखा, “निंदनीय! दिल्ली के एलजी ने कथित तौर पर 14 साल पहले 2010 में दिए गए भाषण के लिए अरुंधति रॉय पर सख्त यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है। यह फासीवादी किस्म के तर्क को छोड़कर किसी भी तर्क से परे है। शर्मनाक और निंदनीय हैं और ये समय भी संदिग्ध है क्योंकि अदालतें और वकील छुट्टी पर हैं।”
कांग्रेस ने भी इस कदम का विरोध किया है. कांग्रेस नेता हरिप्रसाद बीके प्रसाद ने एक्स पर लिखा, “फासीवाद असहमति को कुचलने पर पनपता है, खास तौर पर बुद्धिजीवियों, कलाकारों, लेखकों, कवियों और कार्यकर्ताओं की। बीजेपी असहमति जताने वालों का ध्यान भटकाने और उन्हें दबाने के लिए हर रोज कोशिश कर रही है, ये सब करके बीजेपी अपनी विफलताओं से ध्यान हटाना चाहती है। अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतांत्रिक मूल्यों पर यह हमला अस्वीकार्य है।”
बीजेपी ने निंदा करने वालों पर साधा निशाना
इस बीच बीजेपी ने कांग्रेस पर ‘अलगाववादी और आतंकवादी संगठनों’ के लिए सहानुभूति रखने का आरोप लगाया है। शहज़ाद पूनावाला ने एक्स पर लिखा “दिल्ली के उपराज्यपाल ने यूएपीए के तहत अरुंधति रॉय के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। इस पर कांग्रेस क्यों परेशान है? पहले वे एसडीपीआई का समर्थन करते हैं और उनसे समर्थन लेते हैं और अब अलगाववादियों के लिए रो रहे हैं। क्या वे यह नहीं मानते कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है? अफ़ज़ल से लेकर याकूब तक कांग्रेस वोट बैंक नीति को राष्ट्र नीति से ऊपर रखती है?”
बीजेपी के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा अरुंधति रॉय को बहुत पहले ही सजा हो जानी चाहिए थी। उनके खिलाफ बहुत अच्छा कदम उठाया है। वो अर्बन नक्सल ही नहीं एक्सट्रीम नक्सल हैं। जो कश्मीर को भारत का अंग नहीं कहते हो उसके खिलाफ कार्रवाई तो होनी चाहिए।
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