
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- राष्ट्रीय राजधानी में गेहूं खरीद का काम चालू नहीं होने के आम आदमी पार्टी के दावे को बेबुनियाद करार देते हुए केंद्र सरकार के भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों ने कहा कि खरीद केंद्र पूरी तरह से काम कर रहे हैं और अब किसानों से सीधे तौर पर गेंहू की खरीद की जा रही है। एफसीआई द्वारा अभी तक 15.8 टन गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गई है। वहीं सांसद प्रवेष वर्मा ने दिल्ली की किसान नीतियों पर सवाल उठाते हुए सरकार के 2700 रूप्ये एमएसपी पर फसल खरीदने के खोखले दावे की पोल खोली है।
आमतौर पर दिल्ली में तीन केंद्रों मायापुरी नरेला और एपीएमसी नजफगढ़ मंडी से गेहूं की खरीद की जाती है। पिछले साल यहां किसानों से 27.6 टन गेहूं खरीदा गया था। दिल्ली में इस बार गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है। एफसीआई दिल्ली के क्षेत्रीय महाप्रबंधक सुधीर कुमार ने बताया कि यह दिल्ली सरकार का आधारहीन आरोप है कि खरीद केंद्र चालू नहीं हुए है। राज्य सरकार ने गेहूं खरीद केंद्र खोलने का अनुरोध किया था। हमने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया और 1 अप्रैल से सभी तीन केंद्रों को चालू कर दिया। हालांकि नजफगढ़ मंडी में एफसीआई द्वारा 8 मार्च को पहली खरीद की गई थी जिसमें सिर्फ 3 किसानों ने ही अपनी फसल बेची थी। उन्होंने कहा कि पहले ही 15.8 टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है और किसानों को भुगतान किया जा चुका है। शुरुआत में विपणन वर्ष 2021-22 के लिए गेहूं खरीद लक्ष्य 1000 टन रखा गया था लेकिन बाद में इसे केंद्र सरकार के निर्देश पर 50000 टन तक बढ़ा दिया गया था। उन्होंने कहा कि गेहूं खरीद के लिए बोरो की उपलब्धता सहित सभी व्यवस्थाएं की गई है। बुधवार को दिल्ली के कृषि मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि एफसीआई का दिल्ली में पहले से ही खरीद केंद्र स्थापित किए जाने का दावा झूठा है। राय ने कहा कि राज्य सरकार ने नरेला और नजफगढ़ अनाज मंडियों में काउंटर स्थापित करने के लिए एफसीआई से अनुरोध किया था जिसके बारे में एफसीआई ने उत्तर दिया कि काउंटरों की स्थापना की जा चुकी है और खरीद 1 अप्रैल से शुरू हुई है।
नजफगढ़ मंडी में देरी से शुरू हुई खरीद पर नाराज किसानों ने भाजपा नेता हरेंन्द्र सिंघल के साथ हाथापाई भी की थी। जिसके अगले दिन सांसद प्रवेश वर्मा ने मंडी में पंहुचकर भर्तसना के साथ-साथ तथाकथित किसान नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज कराने की बात कही थी। और उन्हे ललकारते हुए कहा थ्ज्ञा कि किसकी मां में दम है अब आकर दिखाये। उन्होने कहा कि उन्होने किसानों के हित के लिए एफसीआई के खरीद केंद्र मंडियों में लगवाये है। हालांकि दिल्ली सरकार के आंकड़ों के अनुसार फसल वर्ष 2020-21 जुलाई-जून में दिल्ली का कुल गेहूं उत्पादन 83000 टन होने का अनुमान है। लेकिन साथ ही दिल्ली सरकार ने किसानों का गेंहू 2700 रूपये प्रति टन खरीदने का ऐलान किया था। सांसद ने कहा कि अब दिल्ली सरकार अपने दावे से पीछे हट रही है लेकिन केंद्र सरकार किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है और आगे भी इसी तरह काम करती रहेगी।
More Stories
उन्नत प्याज की खेती को लेकर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन
प्रेम धाम आश्रम में मनाया गया भाईचारा एवं सद्भावना समारोह
दिल्ली के प्रेम नगर इलाके में मैकेनिक ने की आत्म-हत्या
दिल्ली के स्कूलों में नौवीं और ग्यारहवीं के फेल छात्रों की समीक्षा हो- पंचायत संघ
सोना-चांदी ऑल टाइम हाई परः
फरिश्ता बनी पुलिसः डीसीपी ट्रैफिक ने हादसे में घायल को सीपीआर देकर बचाई जान