• DENTOTO
  • तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के मंत्री का विवादित बयान: भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    May 2025
    M T W T F S S
     1234
    567891011
    12131415161718
    19202122232425
    262728293031  
    May 20, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के मंत्री का विवादित बयान: भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल

    -DMK नेता के बयान पर संत समाज ने जताई नाराजगी, मुसलमानों और मौलवियों के खिलाफ बोलने की दी चुनौती -BJP का पलटवार: DMK के भगवान राम पर बयान को बताया हास्यास्पद, मंत्री रघुपति और शिवशंकर पर तंज

    तमिलनाडु/नई दिल्ली/अनीशा चौहान/– तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के परिवहन मंत्री एसएस शिवशंकर ने भगवान राम के अस्तित्व को लेकर विवादित बयान देकर सुर्खियां बटोरी हैं। शिवशंकर ने दावा किया कि भगवान राम के अस्तित्व का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है। DMK नेता और पातालपुरी अध्यक्ष महंत बालक दास के इस दावे पर संत समाज ने कड़ी नाराजगी जताई है। संत समाज ने कहा कि अगर शिवशंकर में हिम्मत है तो मुसलमानों और मौलवियों के खिलाफ बोलकर दिखाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह मंत्री न तो इतिहास जानते हैं और न ही भूगोल, और इन लोगों को धार्मिक ज्ञान भी नहीं है।

    वे लोग सिर्फ राजनीतिक लाभ उठाने के उद्देश्य से ऐसे बयान देते हैं।संत समाज ने कहा, “अगर इन्हें राम जी के इतिहास के बारे में पता होता तो ये लोग ऐसे बयान नहीं देते। राम जी के संबंध में इतने सारे ग्रंथ हैं, क्या इन लोगों ने कभी उनके बारे में पढ़ा है? भगवान इन लोगों को सजा देंगे, लेकिन सरकार को भी ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। हिंदू नरम है, वह किसी भी तरह की हिंसा नहीं करना चाहता और ये लोग इसका फायदा उठाते हैं।”तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने इस मुद्दे पर DMK पर पलटवार करते हुए एक पोस्ट में कहा, “भगवान श्री राम के प्रति DMK का अचानक जुनून वास्तव में देखने लायक है। पिछले हफ्ते ही, DMK के कानून मंत्री रघुपति ने घोषणा की थी कि भगवान श्री राम सामाजिक न्याय के सर्वोच्च समर्थक, धर्मनिरपेक्षता के प्रणेता और सभी के लिए समानता के समर्थक थे।”उन्होंने आगे कहा, “यह हास्यास्पद है कि DMK, जो सोचती है कि तमिलनाडु का इतिहास 1967 में शुरू हुआ था, को अचानक देश की समृद्ध संस्कृति और इतिहास से प्यार हो गया है। शायद अब समय आ गया है कि DMK के मंत्री रघुपति और शिवशंकर बैठकर बहस करें और भगवान राम पर आम सहमति पर पहुंचें। हमें विश्वास है कि शिवशंकर भगवान श्री राम के बारे में एक-दो बातें सीख सकते हैं।”

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox