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    ठक-ठक गिरोह के दो कुख्यात सदस्य चढ़े द्वारका पुलिस के हत्थे

    -द्वारका जिला के द्वारका उत्तर थाना टीम ने सटीक कार्रवाई कर किया गिरफ्तार

    द्वारका/शिव कुमार यादव/- दिल्ली पुलिस ने हाल ही में एक बड़ी सफलता हासिल की है, जब पीएस द्वारका उत्तर के अधिकारियों ने कुख्यात ’ठक-ठक गिरोह’ के प्रमुख सदस्य सूरज और उसके साथी शिवम उर्फ पटपटिया को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी पुलिस की सटीक कार्रवाई और रणनीतिक प्रयासों का परिणाम है, जो अपराधों को सुलझाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने में लगी हुई है।

    आरोपी की पहचान और अपराधों की श्रृंखला
    इस संबंध में द्वारका डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी सूरज एक आदतन अपराधी है और पिछले कई वर्षों से चोरी, डकैती और अपराधों में संलिप्त था। वह पीएस अंबेडकर नगर का निवासी है और इसके खिलाफ 30 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस के मुताबिक, सूरज एक घोषित अपराधी है और एमसीओसी (महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम) के तहत वांछित था। उसके खिलाफ डकैती और चोरी के कई मामलों में अभियोग चल रहे थे। गिरफ्तारी के बाद की जांच में यह सामने आया कि सूरज ने काली स्प्लेंडर मोटरसाइकिल और एक लेनोवो लैपटॉप चुराया था। दोनों सामान चोरी की शिकायतों में दर्ज थे और पुलिस के लिए अहम सुराग साबित हुए। सूरज और शिवम ने यह चोरी ई-एफआईआर संख्या 029721/24 और 80112226/24 में दर्ज मामलों में की थी, जो बाद में उनकी गिरफ्तारी के प्रमुख सबूत बने।

    घटनाओं की जांच और अपराधियों की गिरफ्तारी
    सुरक्षा के लिए पुलिस ने कई सूक्ष्म कदम उठाए। अधिकारियों ने मुख्य स्थानों पर निगरानी बढ़ाई, संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी प्राप्त करने के लिए मुखबिरों से संपर्क किया, और सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का विश्लेषण किया। इस कड़ी मेहनत और रणनीतिक योजना का परिणाम 29 नवंबर 2024 को आया, जब एक विश्वसनीय मुखबिर ने पुलिस को संदिग्धों के बारे में जानकारी दी। पुलिस टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दो संदिग्धों को पकड़ा। उनकी पहचान सूरज और शिवम के रूप में हुई, जिनके पास से चोरी की गई मोटरसाइकिल और लैपटॉप बरामद हुए।

    सूरज का नाटक और पुलिस की सतर्कता
    गिरफ्तारी के बाद, सूरज ने पुलिस से बचने के लिए मानसिक अस्वस्थता का नाटक किया। उसने अपना नाम, पिता का नाम और पता बदलने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने तकनीकी सत्यापन और कड़ी पूछताछ से उसकी सच्चाई उजागर कर दी। जांच में पता चला कि वह कई अन्य अपराधों में भी शामिल था और एक वांछित अपराधी था। पुलिस ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया और उसके कई मामलों की पुष्टि की।

    पुलिस का समर्पण और टीम की सफलता
    इस सफलता के पीछे पीएस द्वारका उत्तर की टीम का समर्पण और सूक्ष्म रणनीति थी। एसीपी द्वारका के नेतृत्व में, इंस्पेक्टर गिरीश कुमार और उनके अधीनस्थ अधिकारियों ने इस मिशन को सफल बनाया। टीम में शामिल एएसआई राज कुमार, एचसी राजेश, एचसी दीपक, एचसी सूरज जून, एचसी प्रीतम और एचसी पप्पू ने दिन-रात काम किया और इस अपराधी को पकड़ने में मदद की।

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