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सेहत/नई दिल्ली/अनिशा चौहान/ – गर्मी का मौसम आते ही कोल्ड ड्रिंक की मांग बढ़ जाती है, लेकिन क्या आप जानते है कि ये सॉफ्ट ड्रिंक्स शरीर को कितना नुकसान पहुंचाता है। इनमें भले ही तरोताजा महसूस कराने वाले तत्व हो, लेकिन इनका नियमित सेवन सेहत के लिए ठीक नहीं होता है। एक स्टडी के मुताबिक सॉफ्ट ड्रिंक के साढ़े तीन सौ ML के एक कैन में, 10 चम्मच चीनी के बराबर स्वीटनर होता है और WHO का कहना है कि पूरे दिन में सिर्फ 6 चम्मच चीनी काफी है।
बता दें कि अमेरिकन हार्ट एसोशिएशन का मानना है कि फिजी ड्रिंक गंभीर बीमारियों की जड़ है। इससे सिर्फ मोटापा ही नहीं बढ़ता बल्कि लिवर-किडनी भी बीमार हो जाते है। स्ट्रोक और डिमेंशिया का खतरा भी बढ़ जाता है। साथ ही साथ फास्ट फूड का कॉम्बिनेशन इसे और लीथल बनाता है। मजे और स्वाद के चक्कर में ही देश में लाइफस्टाइल डिजीज से घिरे मरीजों की गिनती लगातार बढ़ रही है।
कोल्ड ड्रिंक्स या ठंडे पेय से शरीर को कई तरह का नुकसान हो सकता है।
पाचन संबंधी समस्याएं:ठंडे पेय अक्सर पाचन को प्रभावित कर सकते हैं। विशेषकर जब आप उन्हें भोजन के साथ लेते हैं। इसके परिणामस्वरूप, भोजन के पाचन में कठिनाई हो सकती है और गैस, एसिडिटी, या पेट दर्द की समस्याएँ हो सकती हैं।
दांतों का अपना नुकसान:बहुत ठंडे पेय दांतों के लिए हानिकारक हो सकते हैं, विशेषकर अगर आप उन्हें बार-बार पीते हैं। ठंडे पेय से दांतों में अनियमितता और संभावित दर्द का सामना करना पड़ सकता है।
वजन बढ़ना:कई कोल्ड ड्रिंक्स में अधिक मात्रा में शक्कर होती है, जिसका अधिक सेवन आपके वजन को बढ़ा सकता है और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ा सकता है।
हड्डियों की कमजोरी:ठंडे पेय में अधिक अधिक मात्रा में कैफीन हो सकती है, जो कैल्शियम के अवशोषण को कम कर सकती है और हड्डियों की कमजोरी का कारण बन सकती है।
विटामिन और खनिजों की कमी:कई कोल्ड ड्रिंक्स में अधिक अधिक मात्रा में शक्कर और कैफीन होता है, जिसके कारण शरीर से विटामिन और खनिजों की कमी हो सकती है।
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