
गुवाहाटी/शिव कुमार यादव/- असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के बेतुके बयान पर मंगलवार को जमकर पलटवार किया। मोहम्मद यूनुस ने ढाका को क्षेत्र में समुद्र का एकमात्र संरक्षक कहा था। इस बयान को सीएम सरमा ने अपमानजनक और कड़ी निंदा योग्य बताया। दरअसल, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने बीजिंग से मुल्क में अपना आर्थिक प्रभाव बढ़ाने की अपील की थी। इस दौरान उन्होंने जिक्र किया था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का भूमि से घिरा होना एक अवसर साबित हो सकता है। यूनुस की हाल ही में चीन की चार दिवसीय यात्रा के दौरान की गई यह टिप्पणी सोमवार को सोशल मीडिया पर सामने आई।

बांग्लादेश में आम चुनाव की आहट के बीच अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का बड़बोलापन दिखाई देने लगा है। उनके हालिया बयान से उनका और मुल्क का असली चेहरा बेनकाब हो गया है। दरअसल, यूनुस ने पूर्वोत्तर भारत के सात राज्यों के साथ-साथ नेपाल और भूटान से सटी सीमाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने बांग्लादेश को महासागर का एकमात्र संरक्षक बताया था और चीन को बांग्लादेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया था।

सीएम सरमा ने ’एक्स’ पर पोस्ट किया, ’बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस का बयान निंदनीय है। तथाकथित अंतरिम सरकार की ओर से अपने बयान में उन्होंने पूर्वोत्तर भारत के सात राज्यों (सेवन सिस्टर्स) को जमीन से घिरा हुआ बताया और बांग्लादेश को उनके महासागर तक पहुंच के संरक्षक के रूप में पेश किया है। यह अपमानजनक और कड़ी निंदा के योग्य है।’
उन्होंने कहा, ’मोहम्मद यूनुस के ऐसे भड़काऊ बयानों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। वे गहन रणनीतिक विचारों और दीर्घकालिक एजेंडे को लेकर चलने वाले हैं।’ सरमा ने कहा कि यह टिप्पणी भारत के रणनीतिक ’चिकन नेक’ गलियारे की हलचल को दिखाती है। ऐतिहासिक रूप से भारत में आंतरिक तत्वों ने भी पूर्वोत्तर को अलग करने के लिए इस महत्वपूर्ण मार्ग को काटने का खतरनाक सुझाव दिया है। इसलिए चिकन नेक गलियारे के नीचे और उसके आसपास और अधिक मजबूत रेलवे और सड़क नेटवर्क विकसित करना जरूरी है।
सीएम सरमा ने पूर्वोत्तर को शेष भारत से जोड़ने वाले वैकल्पिक सड़क मार्गों की तलाश और विकास को प्राथमिकता देने का भी आह्वान किया। अब ’चिकन नेक’ पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इससे महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं, लेकिन इसे दृढ़ संकल्प और नवाचार से हासिल किया जा सकता है।
मुहम्मद यूनुस ने क्या कहा था?
दरअसल, बांग्लादेश की राजनीतिक उथल-पुथल के बीच यहां की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने ऐसी टिप्पणी की थी, जिससे बांग्लादेश का असली चेहरा बेनकाब हो गया था। चीन की चार दिवसीय यात्रा पर गए यूनुस ने एक कार्यक्रम में पूर्वोत्तर भारतीय राज्यों का जिक्र करते हुए कहा था कि भारत के सात राज्य अभी भी भूमि से घिरे हुए हैं। उन्होंने इस इलाके में चीन को अपनी आर्थिक स्थिति का विस्तार करने के लिए आमंत्रित किया था।
पूर्वोत्तर भारत का जिक्र किया
फेसबुक वीडियो में यूनुस ने कहा, ’भारत के सात राज्य, जिन्हें सेवन सिस्टर्स कहा जाता है, भूमि से घिरे (स्ंदकसवबामक) हुए हैं। उनके पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है। हम इस क्षेत्र में समुद्र के एकमात्र संरक्षक हैं। इस कारण संभावनाओं के असीमित दरवाजे खुलते हैं।’ यूनुस ने शुक्रवार को बीजिंग के एक होटल में टिकाऊ बुनियादी ढांचे और ऊर्जा से मुद्दों पर आयोजित उच्च स्तरीय राउंडटेबल मंथन के दौरान यह टिप्पणी की।
’चीन अपनी फैक्टरी बांग्लादेश में स्थानांतरित करे’
बकौल यूनुस देश रणनीतिक रूप से भूमि से घिरा हुआ है। नेपाल, भूटान और भारत के सात राज्यों की सीमाएं बांग्लादेश से लगने के कारण यह पूर्वोत्तर भारत के सात राज्यों का प्रवेश द्वार भी है। मुख्य सलाहकार प्रोफेसर यूनुस ने बांग्लादेशी युवाओं की क्षमता को भी रेखांकित किया। उन्होंने फेसबुक पर एक अन्य विस्तृत पोस्ट में ये भी लिखा कि चीन अपनी फैक्टरी बांग्लादेश में स्थानांतरित करे। इस क्षेत्र में चीनी अर्थव्यवस्था का विस्तार हो सकता है।
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