मानसी शर्मा /- देश के सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन की जिंदगी किसी प्रेरणादायक फिल्म से कम नहीं है। खेतों में काम करने से लेकर देश के सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप को संभालने तक की यह कहानी किसी को भी ऊर्जा से भर देगी और जीवन में कुछ करने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने अपने जीवन में जो कुछ भी किया, अपनी मेहनत के दम पर आज वह जिस मुकाम पर हैं, लोगों को उनसे बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।
एन चंद्रशेखरन का जन्म 1963 में तमिलनाडु के छोटे से गांव मोहनूर में हुआ। उनके माता-पिता किसान थे और उनका जीवन कृषि पर निर्भर था। चंद्रशेखरन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल में प्राप्त की और फिर कोयम्बटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद, तिरुचिरापल्ली के रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से उन्होंने मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन्स (MCA) की डिग्री प्राप्त की।
TCS में करियर की करियर की शुरुआत
1987 में, चंद्रशेखरन ने TCSमें इंटर्न के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उनकी मेहनत और उत्कृष्टता ने उन्हें तेजी से उन्नति की ओर अग्रसर किया। 2007 में, उन्हें TCSका चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) नियुक्त किया गया और 2009 में वे कंपनी के सीईओ बने।
टाटा ग्रुप का नेतृत्व और सफलता
2016 में, एन चंद्रशेखरन को टाटा संस के बोर्ड में शामिल किया गया। उनके नेतृत्व में, टाटा ग्रुप ने लगातार सफलता प्राप्त की है। हाल ही में, वित्तीय वर्ष 2024 में उनकी सैलरी में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। अब उनका सालाना पैकेज 135.32 करोड़ रुपये है, जिसमें 121.5 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में शामिल हैं। इस बढ़ोतरी के साथ, वे भारत के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले व्यक्तियों में शामिल हो गए हैं।
एन चंद्रशेखरन के नेतृत्व में, टाटा ग्रुप ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 74 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 49,000 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया। इस अवधि के दौरान निवेशकों को 34,625 करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया गया, जो पिछले वर्ष के मुकाबले दोगुना से भी अधिक है। कंपनी का कुल रेवेन्यू 14.64 प्रतिशत बढ़कर 4.76 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
एयरलाइंस सेक्टर में महत्वपूर्ण योगदान
एयर इंडिया, विस्तारा, एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएक्स कनेक्ट जैसी एयरलाइंस ने टाटा ग्रुप की ग्रोथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एयर इंडिया का प्राइवेटाइजेशन 2022 में हुआ, जिसके बाद एयरलाइन ने अपनी क्षमता बढ़ाते हुए 51,365 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड रेवेन्यू दर्ज किया। यह रेवेन्यू पिछले वर्ष के मुकाबले 24.5 प्रतिशत अधिक है।
बराक ओबामा से बातचीत
एन चंद्रशेखरन की यात्रा की एक विशेष बात यह है कि उन्होंने अपनी सफलता की कहानी ‘वर्किंग: व्हाट वी डू ऑल डे’ नामक डॉक्यूमेंट्री में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से साझा की। चंद्रशेखरन ने बताया कि कैसे उन्होंने गांव में रहते हुए और कृषि पर निर्भर रहते हुए कठिनाईयों का सामना किया और अपने समर्पण और मेहनत के दम पर बड़े कारपोरेट लीडर बने।
वेतन और कुल पैकेज
फाइनेंशियल वर्ष 2024 में एन चंद्रशेखरन की सैलरी में 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जो अब 135.32 करोड़ रुपये है। इसमें 121.5 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में शामिल हैं। टाटा संस के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर सौरभ अग्रवाल ने कुल 30.35 करोड़ रुपये का कम्पेनसेशन प्राप्त किया, जिसमें 24 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में शामिल हैं।
एन चंद्रशेखरन की प्रेरणादायक यात्रा उनके समर्पण और कठिन परिश्रम का उदाहरण है। उनकी मेहनत और नेतृत्व ने टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, और उनकी कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो कठिनाइयों का सामना करके सफलता की ओर बढ़ना चाहते हैं।
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