नई दिल्ली/उमा सक्सेना/- क्रिसमस के पावन अवसर पर राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) और आरजेएस पॉजिटिव मीडिया के संयुक्त तत्वावधान में ‘अवेक! अराइज! शाइन! मिशन’ के सहयोग से एक विचारोत्तेजक और बहुआयामी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संस्थापक उदय कुमार मन्ना के संचालन में आयोजित यह 509वां वेबिनार न केवल प्रभु ईसा मसीह के संदेशों को समर्पित रहा, बल्कि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी और महामना मदन मोहन मालवीय की जयंती पर राष्ट्रनायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का भी मंच बना।
ईसा मसीह का संदेश: प्रेम, करुणा और सामाजिक उत्तरदायित्व
कार्यक्रम के सह-आयोजक एवं ‘अवेक! अराइज! शाइन! मिशन’ के संस्थापक ब्रदर (डॉ.) दिनेश अलबर्टसन ने प्रभु ईसा मसीह के अवतार और उनके नाम ‘इमैनुएल’ के अर्थ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसका तात्पर्य है—“ईश्वर हमारे साथ है”, जो मानवता के लिए आशा और विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने धर्मग्रंथों के माध्यम से यह संदेश दिया कि आध्यात्मिकता तभी सार्थक है जब वह समाज के व्यावहारिक मुद्दों जैसे स्वच्छ जल, स्वच्छता और भूखमुक्त विश्व की दिशा में ठोस प्रयासों से जुड़ी हो। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के साथ धार्मिक मूल्यों के सामंजस्य पर भी बल दिया।
सेवा ही सच्ची प्रार्थना: वक्ताओं का एकमत
मुख्य अतिथि ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हार्मनी एंड पीस स्टडीज’ के निदेशक फादर डॉ. एम. डी. थॉमस ने कहा कि ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग मानव सेवा से होकर गुजरता है। उन्होंने कमजोर और जरूरतमंद वर्ग की सेवा को सबसे श्रेष्ठ प्रार्थना बताया। वहीं सत्र की अध्यक्षता कर रहे दिल्ली के क्राइस्ट मेथोडिस्ट चर्च, नजफगढ़ के पादरी रेवरेंड एरिक संजय ब्राउन ने वैश्विक शांति में अहंकार को सबसे बड़ी बाधा करार देते हुए कहा कि सच्चा सद्भाव तभी संभव है जब व्यक्ति स्वयं के अहंकार को त्यागकर दूसरों के कल्याण को प्राथमिकता दे।
मानवता के दृष्टिकोण से वैश्विक चुनौतियों पर मंथन
बहाई समुदाय के वरिष्ठ सदस्य डॉ. ए. के. मर्चेंट ने मानवता को केंद्र में रखकर वैश्विक संघर्षों और असमानताओं पर विचार रखने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि विश्व की जीडीपी भले ही ऐतिहासिक ऊंचाई पर हो, लेकिन आज भी बड़ी आबादी शांति, स्वच्छ जल और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है, जो एक गहरी आध्यात्मिक रिक्तता को दर्शाता है।
आगामी आयोजनों की घोषणा और व्यापक सहभागिता
कार्यक्रम में 27 दिसंबर को प्रकाश पर्व एवं वीर बाल दिवस तथा नए वर्ष की पूर्व संध्या 31 दिसंबर को प्रस्तावित आयोजनों की जानकारी भी दी गई। साथ ही 2 जनवरी 2026 को प्रयागराज माघ मेला अमृत स्नान के उद्घाटन वेबिनार के लिए भी आमंत्रण दिया गया। इस अवसर पर कबीर भजन, काव्यपाठ और विचार-विमर्श के माध्यम से बड़ी संख्या में वक्ताओं, कलाकारों और समाजसेवियों ने सहभागिता निभाई।
भविष्य की दिशा: मीडिया साक्षरता और राष्ट्र निर्माण
कार्यक्रम के समापन पर आयोजक उदय कुमार मन्ना ने घोषणा की कि 31 दिसंबर को इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में मीडिया साक्षरता कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ‘रियल सक्सेस स्टोरीज’ कार्यक्रम और मासिक न्यूजलेटर का विमोचन होगा। इसके साथ ही 23 जनवरी 2026 को पराक्रम दिवस के अवसर पर 77वें गणतंत्र दिवस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव के तहत आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित करने की भी जानकारी दी गई।
यह आयोजन आध्यात्मिक चेतना, सामाजिक सरोकार और राष्ट्रनिर्माण के विचारों का एक सशक्त मंच बनकर उभरा, जिसने सकारात्मक और समावेशी भारत के निर्माण का संदेश दिया।


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