
नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- किसी निजी चैनल में कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर द्वारा केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों की पुरानी पैंशन बहाली का विरोध यह कहते हुए किया कि सेना के जवान मात्र 15 साल की सेवा उपरांत 35 साल की आयु में रिटायर हो जातें हैं जबकि केंद्रीय सुरक्षा बलों के सभी जवान 60 साल की आयु में रिटायर होते है ओर केंद्रीय सरकार सुरक्षा बलों के जवानों को कांट्रीब्यूटरी पैंशन यानी एनपीएस दे रही है इसलिए केंद्रीय सुरक्षा बलों को पुरानी पैंशन बहाली नहीं करनी चाहिए

कर्नल साहब से जब यह पूछा गया कि नेताओं को पैंशन क्यों तो उन्होंने जवाब में कहा कि एक सांसद के क्षेत्र में 19 लाख मतदाता हैं उनकी शादी ब्याह व किसी वोटर के देहांत पर जाना पड़ता है कि इसलिए नेता को पुरानी पैंशन जरूरी है काफी अटपटा, आश्चर्यजनक बयान ओलंपिक पदक विजेता द्वारा दिया गया। अलॉइंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन महासचिव रणबीर सिंह द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अर्धसैनिक को पुरानी पैंशन बहाली के विरोध में दिए बयान पर देश भर के 20 लाख पैरामिलिट्री फोर्सेस परिवार में भारी रोष व्याप्त है। कर्नल साहब सरकार में उद्योग एवं वाणिज्य, युवा मामले एवं खेल विभाग में कैबिनेट मंत्री के अलावा सैनिक कल्याण विभाग मंत्री रूप संवैधानिक पद पर बैठे सम्मानित सैनिक द्वारा ओछे बयान की उम्मीद कदापि नहीं थी। भारतीय सेना के कर्नल व ओलंपिक पदक विजेता देश की आन बान शान हैं लेकिन गणतंत्र दिवस के पूर्व इस तरह से पैंशन बहाली के विरोध में बचकाना बयान उनकी नियत पर संदेह पैदा होता।
बीएसएफ से सन् 2000 आईजी पद से रिटायर हुए श्री एसएस कोठियाल द्वारा कर्नल साहब द्वारा सीएपीएफ पैंशन विरोधी बयान का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि इससे सेवारत, सेवानिवृत्त अर्ध सैनिकों वीर नारियों का अपमान बताया लाजिमी है कि फोर्सेस के मनोबल पर असर पड़े। उन्होंने कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर से पुछा कि क्या सेना के जनरल 60 में रिटायर नहीं होते जिन्हें ओआरओपी का लाभ दिया जा रहा है। इस तरहां के ओछे बयान का माननीय गृह मंत्री जी को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए। पूर्व एडीजी सीआरपीएफ श्री एचआर सिंह के कहे अनुसार भारतीय सेना के कर्नल पद से रिटायर हुए एक सैनिक के मुंह से इस प्रकार के अजीब बयान से ताज्जुब हुआ क्या कर्नल साहब को यह नहीं पता कि जम्मू-कश्मीर से सटी सरहदों पर बीएसएफ भारतीय सेनाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सरहदों की चौकस चौकीदारी कर रहे हैं। कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर को अपने द्वारा कहे गए शब्दों पर राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए।
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