नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- केंद्र और ममता बैनर्जी में अलापन बंद्योपाध्याय को लेकर शह और मात का खेल जारी हैं। जिसके तहत ममता बैनर्जी ने केंद्र को झटका देते हुए केंद्र के आदेश के बावजूद मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को केंद्र में प्रतिनियुक्ति के लिए रिलीव नहीं किया। इसके उलट उन्हें आज ही रिटायर कर अपना मुख्य सलाहकार बना दिया। ममता बैनर्जी का यह दाव कितना कारगर रहता है यह केंद्र की प्रतिक्रिया के बाद ही पता चल पायेगा।
अलापन बंद्योपाध्याय केंद्र के शिकंजे में आने से बचने के लिए सोमवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के पद से रिटायर हो गये। इसके तुरंत बाद उन्हें बंगाल सरकार में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सलाहकार बना दिया गया। पश्चिम बंगाल के नए मुख्य सचिव के तौर पर हरिकृष्ण द्विवेदी को नियुक्त किया गया है जबकि बंगाल के नए गृह सचिव बीपी गोपालिका होंगे। ममता की इस कार्यवाही से केंद्र क्या कार्यवाही करता है यह अभी साफ नही हो पाया है। हालांकि ममता ने अलापन बंद्योपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त करने का यह नया दांव खेलकर केंद्र को झटका जरूर दे दिया हे।
ममता बनर्जी ने सोमवार दोपहर बाद ट्वीट कर इस फैसले की जानकारी दी। ममता बनर्जी ने कहा कि अलपन बनर्जी (बंदोपाध्याय को संक्षेप में बनर्जी कहा जाता है) को नबाना (हावड़ा स्थित पश्चिम बंगाल सरकार का मुख्यालय) नहीं छोड़ने दूंगी। ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि उन्होंने बंदोपाध्याय का तबादला आदेश निरस्त करने का आग्रह करते हुए केंद्र सरकार व पीएम मोदी को जो पत्र लिखा था, उसका जवाब भी मिल गया है। केंद्र ने बंदोपाध्याय को मंगलवार को दिल्ली स्थित नार्थ ब्लॉक पहुंचने व वहां ज्वाइन करने का निर्देश दिया था।
इससे पहले केंद्र के आदेश का पालन नहीं करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को रिलीव नहीं किया। बंदोपाध्याय को सोमवार सुबह 10 बजे केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय में हाजिर होना था। मंत्रालय ने बंगाल सरकार को उन्हें तत्काल रिलीव करने का आदेश दिया था। हालांकि इससे पहले भी ममता सरकार ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद भी बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्र के आदेश के बाद भी रिलीव नहीं किया था।
बंदोपाध्याय को कोरोना महामारी के चलते हाल ही में ममता सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने तीन माह का सेवा विस्तार दिया था। वैसे वह 31 मई को रिटायर होने वाले थे। इस बीच ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को सोमवार को फिर पत्र लिखकर मुख्य सचिव बंदोपाध्याय को केंद्रीय सेवाओं में वापस बुलाने का आदेश निरस्त करने का आग्रह किया था। इसके साथ ही यह भी लिखा कि उनकी सरकार राज्य के शीर्ष अधिकारी को रिलीव नहीं कर रही है। ममता ने कहा कि राज्य सरकार के बिना परामर्श के कैसे उन्हें बुलाने का एकतरफा आदेश जारी कर दिया गया।
केंद्र की कई बैठकों, जिनमें ममता खुद शामिल नहीं होतीं, वह हाजिर होकर पक्ष रखते रहे हैं, लेकिन केंद्र व ममता सरकार के बीच इस तनातनी में पहली बार वह केंद्र बने हैं। देखना दिलचस्प होगा कि बंगाल व केंद्र सरकार के बीच यह मामला कहां तक जाता है।
-अलापन बंद्योपाध्याय हुए रिटायर, अगले तीन साल तक ममता बैनर्जी के मुख्य सलाहकार बने रहेंगे
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