नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- लंबे संघर्ष के बाद केंद्रीय सुरक्षा बलों में सिपाही के रूप में अपनी पहचान बनाने वाला बलों का कमेरा वर्ग अब सम्मान की बाट जोह रहा है। हालांकि सरकार ने अब इस कमेरे वर्ग को बावर्ची व धोबी का पदनाम बदलकर सेफ, हेयर स्टाइलिस्ट व लॉन्ड्री मैन कर दिया है। हालांकि अभी तक इस वर्ग का सेवा मे ंसफर सिर्फ सिपाही तक ही सीमित रहा है लेकिन अब इस कमेरे वर्ग के कंधों पर भी स्टार लगाने की मांग जोर पकड़ रही है जिसके समर्थन में कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री मोदी को भेजे पत्र में गुहार लगाई है कि इन कर्मियों को हवलदार और सब-इंस्पेक्टर की पदोन्नति दी जाए ताकि ये सेवादार भी अपना सम्मान बनाये रख सकें।.
केंद्रीय सुरक्षा बलों में पदोन्नति को लेकर अभी तक जो खबरें आती रही हैं, उनका संबंध अफसर या सामान्य ड्यूटी वाले सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक ही रहता है। सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी सहित दूसरे बलों में सबसे निचले पायदान पर सेवा देने वाले कर्मियों, जिनमें रोटी पकाने और कपड़े धोने वाले शामिल हैं, इनकी पदोन्नति को लेकर अब तक कहीं कोई बात होती ही नही थी और ना ही अभी तक कहीं से कोई मांग की गई थी। हालांकि सरकार ने इस वर्ग को बलों में सिपाही का दर्जा जरूर दे दिया है लेकिन अब उक्त वर्ग के सम्मान के लिए कुछ संगठन इनके कंधों पर भी स्टार लगाने की मांग कर रहे हैं।
यहां बता दें कि ये कर्मी सेवा में निचले पायदान पर काम करते हैं। कुछ समय पहले ही इन पदों पर काम करने वालों को सिपाही का दर्जा मिला है। इनका पदनाम बदलकर शेफ, हेयर स्टाइलिस्ट व लॉन्ड्री मैन कर दिया गया है। कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे पत्र में गुहार लगाई है कि इन कर्मियों को हवलदार और सब-इंस्पेक्टर की पदोन्नति दी जाए। अधिकांश बलों में इन पदों पर काम करने वाले कर्मियों का पदनाम सेवा के दौरान बदलता नहीं था। वे जिस पद पर भर्ती होते थे, उसी से रिटायर हो जाते थे। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने अच्छी पहल करते हुए इन कर्मियों का पदनाम बदल कर इन्हें सिपाही का दर्जा दे दिया।
कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह बताते हैं, हमारे संगठन ने एक अप्रैल 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है। इस पत्र में लिखा है कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, जिनमें सीआरपीएफ, बीएसएफ व आईटीबीपी जैसे बल शामिल हैं, वहां सबसे निचले पायदान पर कार्यरत ट्रेडमैनध्फालोवर्स रैंक नाई, धोबी, कुक व जलवाहक आदि कमेरे वर्ग को भी प्रमोशन देने के लिए इनका कैडर रिव्यू किया जाए। सरकार ने इन सभी कर्मियों को अब कांस्टेबल बना दिया है। हाल ही में इन्हें कुछ नए नामकरणों के साथ सुशोभित किया गया है जैसे, रसोइए को शेफ, नाई को हेयर स्टाइलिस्ट और धोबी को अब लॉन्ड्री मैन कहा जाएगा।
एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व सुरक्षा बलों के महानिदेशकों को भी उक्त पत्र भेजा है। सशस्त्र सीमा बल और सीआईएसएफ में कार्यरत उपरोक्त ट्रेडमैन (कमेरे वर्ग) के लिए हवलदार के पद सृजित किए गए हैं। उन्हें पदोन्नति दी जा रही है। इन बलों में इस तरह की प्रमोशन प्रणाली की शुरुआत आजादी के बाद पहली बार देखने को मिली है। इससे पहले ये कर्मी 40 साल की सेवा के बाद उसी पद से रिटायर होकर चले जाते थे। समय की मांग है कि सबसे निचले स्तर के पदों पर कार्यरत कर्मियों को भी पदोन्नति के अवसर मिलें। इससे कर्मियों की कार्यक्षमता और मनोबल में इजाफा होगा। रणबीर सिंह ने कहा, क्या उन्हें यह हक नहीं है कि वे भी हवलदार व एसआई बनें। क्या हेयर स्टाइलिस्ट, लॉन्ड्री मैन या शेफ का नया नाम देने मात्र से ही निचले स्तर पर कार्यरत ट्रेडमैन की कायापलट हो जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी का सपना है कि विकास का फायदा निचले पायदान पर कार्यरत कर्मचारियों को भी मिलें। उम्मीद है कि बाकी सुरक्षा बलों के महानिदेशक, निचले स्तर के कर्मियों को हवलदार एवं एसआई का प्रमोशन देने के लिए जरूरी आदेश जारी करेंगे।
-बावर्ची और धोबी’ के कंधों पर भी स्टार लगाने की मांग पकड़ रही जोर, सरकार ने दिये अग्रेजी नाम
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