नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- दिल्ली देहात के नजफगढ़ इलाके में नेशनल हाईवे का काम तेज गति से चल रहा है। गुरुवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उपराज्यपाल विजय सक्सेना इसका निरीक्षण दौरा करने पहुंचे। उन्होने नजफगढ़ में हाइवे पर काफी दूर तक पैदल चलकर निरीक्षण किया। इस दौरान पश्चिम दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा, उत्तर पश्चिम दिल्ली के सांसद हंसराज हंस, बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता और रामवीर सिंह बिधूड़ी आदि भी इस मौके पर पहुंचे। मंत्री नितिन गडकरी ने इस हाइवे का दिसंबर तक काम पूरा होने की संभावना जताई है। हालांकि पहले अक्तुबर में इसे शुरू करने की योजना थी।
गौरतलब है कि दिल्ली के तीसरे रिंग रोड का 58 फीसदी काम पुर हो चुका है। एनसीआर के कई शहरों को इससे फायदा मिलने वाला है। इस साल के अंत तक इसे शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा दिल्ली को जाम और प्रदूषण की समस्या से निजात मिलेगी। गौरतलब है कि अर्बन एक्सटेंशन-2, दिल्ली का तीसरा रिंग रोड बनेगा और जल्दी ही इस पर वाहनों को रफ्तार मिलेगी। इस एक्सप्रेस वे को एक तरह से दिल्ली के तीसरे रिंग रोड के तौर पर तैयार किया जा रहा है। दिल्ली एनसीआर के बढ़ते ट्रैफिक से इससे राहत मिल सकेगी। नितिन गडकरी ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों के साथ निरीक्षण के बाद मीडिया को बताया कि अर्बन एक्सटेंशन रोड या राष्ट्रीय राजमार्ग 344 एमपीएन हरियाणा और पंजाब के शहरों से यात्रियों को 20-30 मिनट के भीतर दिल्ली हवाई अड्डे तक ले जाएगा। यह सफर अब तक दो घंटे में पूरा होता था। करीब 777.15 करोड रुपए की लागत से बन रहे इस रिंग रोड पर 27 फ्लाईओवर, 26 छोटे पुल और 17 पैदल सबवे होंगे। यह रिंगरोड 6 लेन का होगा। फ्लाईओवर की पूरी लंबाई 75.7 किलोमीटर है। यह सड़क एच-1 को द्वारका और बहादुरगढ़ से जोड़ेगी और पश्चिमी सीमा के साथ एक रिंग रोड बनाएगी। एनएच-1 चौराहे से शुरू होकर यह कंझावला, नांगलोई, नजफगढ़, द्वारका सेक्टर 24, बवाना और सोनीपत बाईपास इलाके से होते हुए जाएगी। सड़क का एक हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग को बहादुरगढ़ बाईपास और दिचाउं कलां से भी जोड़ेगा। इसके दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है।
नितिन गडकरी ने कहा, यूईआर-2 दिल्ली की जीवन रेखा होगी क्योंकि हम शहर में तीसरी रिंग रोड बना रहे हैं। पिछले मार्गों और प्रमुख सड़कों ने दिल्ली के लिए कई समस्याएं पैदा की हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, यूपी, कश्मीर और अन्य राज्यों के लोगों को पश्चिमी या दक्षिणी राज्यों में जाने के लिए दिल्ली की सड़कों का उपयोग करना पड़ता है। यूईआर-2 के साथ हम दिल्ली की सड़कों से सभी उत्तर और पश्चिम यातायात को मोड़ देंगे। यह शहर की सड़कों पर यातायात को आसान बनाने में मदद करेगा और प्रदूषण को भी कम करेगा क्योंकि ज्यादातर व्यावसायिक वाहन इन मार्गों पर चलते हैं। रोहतक, सोहना, पानीपत, हापुड़ और अन्य शहरों से प्रतिदिन 1 लाख से अधिक वाणिज्यिक वाहन दिल्ली आते हैं।”
जबकि एनएचएआई ने अक्टूबर 2023 की समय सीमा निर्धारित की थी, लेकिन नितिन गडकरी ने कहा कि यह दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। अब तक 57 फीसदी काम पूरा हो चुका है। नितिन गडकरी ने कहा कि दिल्ली में गाजीपुर और अन्य लैंडफिल के कचरे का उपयोग करके सड़कों का निर्माण किया गया है। वर्तमान में अधिकारियों ने लैंडफिल से लगभग 20 लाख टन कचरे का उपयोग किया है। कचरे को अलीपुर और कराला में निर्माण स्थल के पास सूक्ष्म संयंत्रों में संशोधित किया जाता है।
बताया जा रहा है कि पश्चिम दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के पास इस एक्सप्रेस वे का आईडिया लेकर गए थे। पहले यह बहुत मुश्किल प्रोजेक्ट लग रहा था। लेकिन केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार के सभी प्रयासों से सफल हो पाया है। नितिन गडकरी ने बताया कि गाजीपुर के कचरे का प्रयोग करके इसे बनाने का काम किया जा रहा है। इसमें 20 लाख टन कचरे के इस्तेमाल की संभावना जताई जा रही है। हमारी कोशिश है कि दिल्ली में कचरे का पहाड़ भी खत्म किया जाए। उन्होंने कहा कि यह तो अभी ट्रेलर है पिक्चर अभी बाकी है।
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