कुछ ही महीनों में कैसे तेलंगाना में कांग्रेस ने पलटी बाजी, जानें पार्टी के जीत के बड़े कारण

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

September 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
September 8, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

कुछ ही महीनों में कैसे तेलंगाना में कांग्रेस ने पलटी बाजी, जानें पार्टी के जीत के बड़े कारण

मानसी शर्मा /- मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भले ही कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन तेलंगाना में कांग्रेस ने भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की है। हालांकि इसके पीछे कार्यकर्ताओं की मेहनत और आलाकमान की रणनीति को श्रेय दिया जा रहा है। चलिए आपको कांग्रेस की जीत के कुछ अहम कारणों के बारे में बताते है।

तेलंगाना में कैसे हुई कांग्रेस की जीत

दरअसल तेलंगाना में कांग्रेस और भाजपा ने अपना पूरा जोर लगा रखा था। दोनों पार्टियां रैलियों पर रैलियां कर रहे थे। रोजाना भाजपा और कांग्रेस रैलियों को संबोधित करते थे। इतना ही नहीं तेलंगाना में पीएम मोदी ने भी कई रैलियों को संबोधित किया है। लेकिन कांग्रेस की रैलियों और रणनीति ने अपना जादू चलाया है।

बता दें कि कांग्रेस ने तेलंगाना में मजबूत केसीआर को हराने के लिए पुख्ता तैयारी की थी। पार्टी आलाकमान को ये पता था कि यहां पर पार्टी का मुकाबला भाजपा से नहीं बल्कि बीआरएस से है। पार्टी ने इसे ध्यान में रखकर ही चुनावी रणनीति तैयार की।

कांग्रेस की जीत के 7 अहम कारण

भारत जोड़ो यात्रा :कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा प्रदेश में दूसरी सबसे मजबूती बनकर उभरी। कर्नाटक के बाद तेलंगाना में भी उसका असर दिखा। इसके अलावा राहुल गांधी और एआईसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की और उन्हें एक मंच पर लाने में कामयाब रहे।

पदयात्राएं : भारत जोड़ो यात्रा के अलावा कांग्रेस ने राज्य स्तर पर कई पद यात्राएं निकालीं। पीसीसी अध्यक्ष के नेतृत्व में इन पदयात्राओं ने प्रदेश में कांग्रेस के प्रति माहौल बनाया और लोगों की नब्ज टटोली। कांग्रेस ने अंदर ही अंदर सर्वेक्षण कराया और केसीआर के भ्रष्टाचार और उनके भाई भतीजाबाद पर प्रहार किया।

एकजुटता और निगरानी: तेलंगाना में पार्टी की एकजुटता भी बड़ी मजबूती बनी। पदयात्राओं से पार्टी की पहुंच तक कार्यकर्ताओं तक हुई। पार्टी सभी के बीच एकजुटता बनाने में सफल रही। इसके लिए कांग्रेस ने पांच स्तरीय सर्विलांस सिस्टम भी लागू की। अलग-अलग राज्यों के वरिष्ठ नेताओं को संसदीय क्षेत्रों का पर्यवेक्षक बनाया गया।

लोगों की समस्याओं को समझा : राजनीति और रणनीति के अलावा कांग्रेस ने यहां लोगों तक पहुंच बनाई और उनकी समस्याओं को समझा। पार्टी ने इसके लिए विधानसभा वार पर्यवेक्षक बनाए। चार से पांच निर्वाचन क्षेत्रों का एक समूह बनाया गया, जिसने उन समस्याओं का अध्ययन कर उन्हें मुद्दा बनाया।

केसी वेणुगोपाल की सक्रियता : कांग्रेस की ओर से तेलंगाना में केसी वेणुगोपाल लगातार सक्रिय रहे। केसी वेणुगोपाल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच समन्वय बनाने के साथ-साथ पार्टी की चुनावी रणनीति को धार देने में भी सक्रिय रहे और चुनाव प्रचार में कोई ढिलाई नहीं आने दी।

नियमित बैठकें : कांग्रेस ने पांच स्तरीय टीमों का गठन किया, जिन्होंने राज्य, संसद, विधानसभा और वार्ड स्तर तक अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग की समस्याओं का अध्ययन किया। दैनिक बैठकें कीं, बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया गया। नियमित तौर पर वरिष्ठ नेता बूथ स्तर तक के नेताओं से समन्वय करते रहे।

गारंटी कार्ट : कांग्रेस की केंद्रीय वर्किंग कमेटी की हैदराबाद में हुई बैठक ने भी कांग्रेस को ताकत दी। यहां सोनिया गांधी की उपस्थिति ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरा। इसके अलावा कांग्रेस का सात सूत्रीय गारंटी कार्ड भी यहां खूब लोकप्रिय हुआ।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox