कनाडा-भारत के बिगड़ते रिश्तों पर विदेश मंत्री जयशंकर की दो टूक

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 8, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

कनाडा-भारत के बिगड़ते रिश्तों पर विदेश मंत्री जयशंकर की दो टूक

-बोले, भारत-कनाडा के अच्छे रिश्तों में खालिस्तानी सबसे बड़ा रोड़ा

नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- विदेश मंत्री जयशंकर ने कनाडा-भारत रिश्तों पर बेबाक अंदाज में टिप्पणी करते हुए कहा कि दोनो देशों के अच्छे रिश्तों में खालिस्तानी सबसे बड़ा रोड़ा है क्योंकि कनाडा की राजनीति में खालिस्तानी शामिल है। मीडिया को दिये एक इंटरव्यू में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर जयशंकर ने खुलकर बोला हैं। भारत और कनाडा के मौजूदा राजनयिक संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कनाडा की राजनीति ने खालिस्तानी ताकतों को पनाह दी हुई हैं। वे सभी सीधे तौर पर कनाडा की राजनीति में शामिल हैं। मुझे लगता है कि यही एक कारण हैं, जो दोनों देशों के संबंधों को नुकसान पहुंचा रहा हैं। यह स्थिति भारत और कनाडा दोनों के लिए खतरा हैं। मेरा मानना है कि जितना यह भारत के खतरा है, उतना ही इससे कनाडा को भी नुकसान होगा।

आतंकवाद के जरिए बातचीत की पाकिस्तान की नीति- जयशकंर
पाकिस्तान में आतंकवाद से जुड़े सवाल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का इस्तेमाल कर भारत को बातचीत के मेज पर लाता था, यही उनकी नीति रहती थी। अब हमने उनकी नीति को ही अप्रासंगिक कर दिया है। हम जानते हैं कि अंत में एक पड़ोसी ही पड़ोसी के काम आता हैं। लेकिन हम उन शर्तों के आधार पर बातचीत नहीं करेंगे, जो उनके द्वारा निर्धारित की गई हो।

हम ध्रुवीकृत दुनिया को एक मंच में लाने में सफल- जयशंकर
भारत के विश्वामित्र के तौर पर उभरने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कई विश्व के नेता भारत आना चाहते हैं। जब भी हम विश्वामित्र कहते तो, इसका उदाहरण जी20 है। जी20 से 12 घंटे पहले भी सम्मेलन के घोषणा पत्र को अंतिम रूप नहीं दिया गया था। सार्वजिक रूप से कई लोग भविष्यवाणी कर रहे थे कि हम विफल हो जाएंगे, जिसका कुछ हिस्सा राजनीति से प्रेरित था। पहले उत्तर-दक्षिण में विभाजन था, वहीं पूर्व-पश्चमि में भी ध्रुवीकरण था। दो भागों में बंटे दुनिया को हमने एक मंच पर आने के लिए मजबूर किया हैं। गौर करने वाली बात ही कि सभी भारत आए, क्योंकि उनके साथ हमारे संबंध थे। भारत का नाम आते ही सभी ने समझौता कर लिया।

विदेशी मीडिया में भारत की छवि पर जयशंकर बोले
विदेशी मीडिया की भारत के बारे में रिपोर्ट पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह पूरी तरह से दिमागी खेल हैं। मैंने ये भी कभी नहीं कहा कि हम ही परफेक्ट हैं। मैं यह भी नहीं कह रहा हूं कि हमारे पास सुधार की गुंजाइश नहीं है। लेकिन उनके उदेश्य और एजेंडों की बातों को समझिए। वे एजेंडा रहित नहीं हैं, वे उद्देश्यहीन नहीं हैं। वे एक निश्चित रेखा को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि विदेशी मीडिया जो कुछ भी करता है, वो सब सही हो, ऐसा नहीं हैं। मैं कई अन्य लोकतंत्रों पर कह सकता हूं।

उन्होंने कहा कि दुनिया हमें अधिक प्रासंगिक रूप में देखती हैं। कई विश्व नेता भारत आना चाहते हैं। मेरे लिए बतौर विदेश मंत्री यह सबसे बड़ी चुनौती है कि उन्हें ये बताना कि प्रधानमंत्री हर साल दुनिया के हर देश का दौरा नहीं कर सकते हैं। हर कोई देश चाहता है कि वे वहां आएं।

पीएम मोदी विश्व नेता हैं और यह मायने रखता है- जयशंकर
विभिन्न देशों के नेताओं के साथ पीएम मोदी की केमिस्ट्री और विश्वसनीयता पर बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जब भी हम देखते हैं कि भारत बढ़ रहा है, तो हमारी रूचियां बढ़ जाती हैं।

हमें और अधिक आकर्षक होने की जरूरत हैं। इस तरह का आकर्षण हो कि सब हमसे कनेक्ट हों। दुनिया के तमाम देश विश्व नेता के तौर पर पीएम मोदी को देखते हैं और यह बात मायने रखती हैं।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox