गुरुग्राम/उमा सक्सेना/- एसजीटी यूनिवर्सिटी में आयोजित ‘सिनर्जी 2025’ के आठवें संस्करण ने नवाचार, कौशल और भविष्य की तकनीक का भव्य संगम प्रस्तुत किया। 13 यूनिवर्सिटी, 194 प्रोजेक्ट्स, चार प्रमुख थीम—हेल्थकेयर, फ्यूचर टेक एंड इनोवेशन, नेचुरल रिसोर्स एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट, तथा सोसाइटल डेवलपमेंट—के साथ बड़ी संख्या में स्कूली छात्रों की भागीदारी ने कैंपस में अभूतपूर्व ऊर्जा का संचार किया। विज्ञान, कृषि, स्वास्थ्य और कला क्षेत्र से जुड़े छात्रों के प्रोजेक्ट्स दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने और हर पवेलियन पर भारी भीड़ उमड़ी।

ओरोबिंदो फार्मा के डायरेक्टर मदन मोहन रेड्डी का प्रेरक संबोधन
मुख्य अतिथि ओरोबिंदो फार्मा लिमिटेड के डायरेक्टर मदन मोहन रेड्डी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि सफलता की मूल आधारशिला तीन तत्व हैं—डिसिप्लिन, डिटर्मिनेशन और ड्रीमिंग बिग।
उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि वे कॉलेज समय से ही पांच प्रमुख मूल्यों—इंटिग्रिटी, अकाउंटेबिलिटी, टीम लीडरशिप, ह्यूमैनिटी और इनोवेशन—को जीवन में शामिल करें। रेड्डी ने कहा कि आज प्रतियोगिता अत्यधिक कड़ी है, ऐसे में छात्रों की मानसिक मजबूती (Mental Wellbeing) बेहद आवश्यक है।
उन्होंने अपनी कंपनी की विकास यात्रा साझा करते हुए बताया कि विफलता व्यक्ति को अधिक सिखाती है और सफलता आगे बढ़ने का आत्मविश्वास देती है।
LSSSDC के CEO गौतम भट्टाचार्य ने की एसजीटीयू की कार्यशैली की सराहना
विशिष्ट अतिथि लाइफ साइंस सेक्टर स्किल डेवलपमेंट काउंसिल के CEO गौतम भट्टाचार्य ने एसजीटी यूनिवर्सिटी को “फ्यूचर-ओरिएंटेड संस्थान” बताते हुए कहा कि कंपनियों को जहां स्किल्ड वर्कर्स की तलाश रहती है, वहीं शिक्षण संस्थानों को शिकायत होती है कि अच्छी कंपनियां कैंपस में नहीं आतीं।
उन्होंने कहा कि असल चुनौती संगठनात्मक क्षमता और नॉलेज–स्किल गैप को खत्म करने की है।
उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा — “छात्र तैरने के सिद्धांत पढ़ तो लेते हैं, लेकिन तैरना नहीं जानते। इसी विडंबना को खत्म करना होगा।”
उन्होंने एसजीटीयू के साथ इनोवेशन आधारित कार्यक्रम आयोजित करने का प्रस्ताव भी रखा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में एसजीटीयू की उपलब्धियों की सराहना
प्रोग्राम के विशिष्ट अतिथि और सिस्टोपिक लैबोरेटरीज के मैनेजिंग डायरेक्टर पी.के. दत्ता ने एसजीटीयू की मेडिकल सुविधाओं और कार्यशैली की जमकर तारीफ की।
उन्होंने कहा कि यदि वह एसजीटी यूनिवर्सिटी के मैनेजिंग ट्रस्टी मनमोहन सिंह चावला से पहले मिले होते तो संभवतः उनके बिजनेस पार्टनर होते।
उन्होंने अपने CSR मॉडल पर बात करते हुए बताया कि उनकी कंपनी हर वर्ष लगभग पाँच करोड़ रुपये वृक्षारोपण पर खर्च करती है। उन्होंने एक महिला का उदाहरण दिया जिसने अपने खर्चे पर दस लाख पौधे लगाकर समाज को प्रेरित किया है।
एसजीटीयू के नेतृत्व ने किया अतिथियों का स्वागत
कार्यक्रम में एसजीटी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) हेमंत वर्मा ने छात्रों की ऊर्जा और उनकी नवाचार क्षमता की सराहना करते हुए मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया।
प्रो वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) अतुल नासा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर मैनेजिंग ट्रस्टी मनमोहन सिंह चावला, चेयरपर्सन मधु प्रीत कौर और governing body सदस्य अमृत चावला भी मौजूद रहे।


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