एमसीडी बजट में गांवों की उपेक्षा होने पर ग्रामीणों में आक्रोश

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एमसीडी बजट में गांवों की उपेक्षा होने पर ग्रामीणों में आक्रोश

-पचायत संघ ने सभी राजनीतिक दलों से ग्रामीणों के लिए आगे आने की अपील की -घोषणा के बावजूद गांवों को हाउस टैक्स से नही किया मुक्त -15 फरवरी तक हाउस टैक्स से मुक्त व गांवों के मदों में राशि का प्रावधान न करने पर आंदोलन शुरू करेंगे ग्रामीण

नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- एमसीडी के बजट में गांवों की उपेक्षा होने पर दिल्ली पंचायत संघ ने सभी राजनीतिक दलों का ध्यान आकर्षित किया है। पंचायत संघ के प्रमुख थान सिंह यादव ने खुलासा किया कि घोषणा करने के बावजूद गांवों को हाऊस टैक्स  मुक्त नहीं किया। उल्टा ग्रामीणों को हाउस टैक्स में मिलने वाली छूट कम कर दी है। इसके अलावा गांवों में किए जाने वाले विकास कार्यों से संबंधित मदों में राशि की कटौती कर दी। जबकि इन मदों के तहत गांवों में वर्षों से विकास कार्य किए जा रहे हैं। लिहाजा गांवों के साथ कुठाराघात किया गया है। वह ग्रामीणों को उनका हक दिलवाने के लिए आंदोलन शुरू करेंगे।
           दिल्ली पंचायत संघ के प्रमुख थान सिंह यादव ने बताया कि मेयर शैली ओबराय ने गत दो दिसंबर को अपनी पार्टी के मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में गांवों को हाउस टैक्स से मुक्त करने का ऐलान किया था। इसके अलावा उन्होंने कहा था कि गांवों में अब हाउस टैक्स के नोटिस नहीं जाएगे, लेकिन ग्रामीणों के पास एमसीडी हाउस टैक्स जमा करने के नोटिस लगातार भेज रही है। इसके अलावा बजट में गांवों को हाउस टैक्स से मुक्त करने का प्रस्ताव पास नहीं किया गया। वहीं गांवों में दो सौ गज तक के मकानों को हाउस टैक्स से मुक्त रखने का प्रस्ताव भी पास नहीं किया, जबकि पहले इस तरह का प्रस्ताव पास किया जाता था।
            थान सिंह यादव ने बताया कि आयुक्त ने आगामी वर्ष के लिए शहरीकृत गांवों में विकास कार्य करने वाले मद (110-3561) में 35 करोड़ रुपये, ग्रामीण सड़कें बनाने वाले मद (110-3583) में 25 करोड़ रुपये, ग्रामीण वार्डों में विकास कार्य करने वाले मद (150-1225) में तीन करोड़ रुपये, ग्रामीण समिति के मद (150-1279) में 50 लाख रुपये का प्रावधान किया था, लेकिन बजट पास करने के दौरान इन सभी मदों की राशि कूड़ा प्रबंधन मद (100-1064) में स्थानांतरित कर दी। गांवों से जुड़े मदों में एक रुपया भी नहींं छोड़ा है। इसके अलावा वर्तमान वर्ष का बजट संशोधित करते हुए शहरीकृत गांवों में विकास कार्य करने वाले मद (110-3561) में से साढ़े 17 करोड़ रुपये, ग्रामीण वार्डों में विकास कार्य करने वाले मद (150-1225) में से डेढ़ करोड़ रुपये व ग्रामीण सड़कें बनाने वाले मद (110-3583) में से 21 करोड़ रुपये मेयर मद (150-1153) में स्थानांतरित कर दिए। जबकि गावों के विकास के लिए इन मदों में राशि बढ़ाने और नए मद बनाने की आवश्यकता थी, क्योंकि गांवों में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है और उनकी स्थिति स्लम बस्तियों जैसी हो चुकी है।
           थान सिंह यादव ने चेतावनी दी कि 15 फरवरी तक गांवों को हाउस टैक्स से मुक्त करने और गांवों में विकास कार्य करने से जुड़े मदों में पहले की तरह राशि का प्रावधान नहीं करने पर पंचायत संघ अभियान शुरू करेगा।

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