अनीशा चौहान/- हिंदू धर्म में नवरात्रि का खास महत्व होता है। इस साल नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू हो रहा है। लेकिन इस साल नवरात्रि के शुरुआती कुछ दिन में खरमास रहेगा क्योंकि खरमास 13 अप्रैल को खत्म हो रहा है। इसी वजह से चैत्र नवरात्रि के शुरुआती दिनों में खरमास का साया है। जिस वजह से 5 दिनों तक कोई मांगलिक कार्य नहीं होगा लेकिन छठवे दिन से सभी शुभ कार्य जैसे हवन, पूजन, विवाह, संगाई आदि होने शुरू हो जाएंगे।
नहीं मिलते शुभ फल
खरमास में सभी मांगलिक और शुभ काम बंद हो जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान मांगलिक या शुभ कार्य करने से कामों में बाधाएं आती हैं। ज्योतिषियों के मुताबिक, खरमास के दौरान सिर्फ पूजा-पाठ ही कर सकते हैं। 9 अप्रैल से लेकर 13 अप्रैल तक सभी शुभ काम बंद हो जाएंगे लेकिन वहीं 14 अप्रैल से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। खरमास में गुरु की स्थिति कमजोर होती है। इसके साथ ही मान्यता है कि खरमास में सूर्यदेव की चाल बहुत धीमी होती है जिसके वजह से किए गए किसी भी मांगलिक कार्यों में शुभ फल नहीं मिलते हैं। यही कारण है कि खरमास में शादी-विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश आदि पर रोक लगा दी जाती है।
खरमास के दौरान क्या नही करना चाहिए?
खरमास के समय शुभ और मांगलिक कार्यों को नही करनी चाहिए,
खरमास के दौरान बहू या बेटी की विदाई नही होती है
इस दौरान नया वाहन, घर, प्लाट, रत्न-आभूषण और वस्त्र नही खरीदना चाहिए।
चैत्र नवरात्रि के शुरूआत के 5 दिनों तक शादी, हवन, कथा, सगाई तक नहीं करें क्योंकि बाद में आपको कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
बता दें, हिंदू धर्म में खरमास एक ज्योतिषीय घटना होती है। जब सूर्यदेव धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास लगता है। इस दौरान धनु और मीन राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति का जो शुभ होता है वो कम हो जाता है। यही वजह है कि इस दौरान सभी शुभ कार्यों को रोक दिया जाता है।
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