मानसी शर्मा / – शिव भक्त जो बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जाने वाले हैं उनके लिए बड़ी खबर है। दरअसल, इस साल होने वाली अमरनाथ यात्रा का शेड्यूल जारी हो चुका है। इस साल अमरनाथ यात्रा की शुरूआत 29 जून से होगी और इसका समापन 19 अगस्त को होगा। दो महीने के बजाय इस साल अमरनाथ यात्रा केवल 45 दिन चलने वाली है। इस यात्रा का रजिस्ट्रेशन 15 अप्रैल से शुरू होगा। इस बार इस यात्रा की अवधि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कम की गई है।
बता दें, अमरनाथ यात्रा शोभन योग और आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि में शुरू होगा। 29 जून को अष्टमी तिथि दोपहर 2 बजकर 19 मिनट तक है। वहीं शोभन योग सुबह से शाम 6 बजकर 54 तक है। उस दिन भाद्रपद नक्षत्र सुबह 8 बजकर 49 तक है। उसके बाद रेवती नक्षत्र है। वहीं यात्रा के पहले दिन का शुभ समय यानी अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक है
दो रास्तों से जाती यात्रा
बाबा अमरनाथ धाम की यात्रा दो प्रमुख से जाती है। जिसका पहला रास्ता पहलगाम से जाता है और दूसरा रास्ता सोनमर्ग बालटाल से जाता है। श्रद्धालुओं को ये रास्ता पैदल ही पार करना पड़ता है। पहलगाम से अमरनाथ की दूरी लगभग 28 किलोमीटर की है। ये रास्ता थोड़ा आसान और सुविधाजनक है लेकिन बालटाल से अमरनाथ की दूरी तकरीबन 14 किलोमीटर है, लेकिन यह रास्ता पहले रूट की तुलना में कठिन है।
खुद-ब-खुद बनती आकृति
बाबा अमरनाथ की जो गुफा है वो समुद्र तल से करीब 3,800 मीटर की ऊंचाई पर है। गुफा में मौजूद शिवलिंग की खासियत ये है कि ये खुद-ब-खुद बनता है। ऐसा कहते हैं कि कि चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ इसके शिवलिंग के आकार में बदलाव आता है। अमरनाथ का शिवलिंग ठोस बर्फ से बनता है जबकि जिस गुफा में यह शिवलिंग मौजूद है, वहां बर्फ हिमकण के रूप में होती है।
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