अवैध निर्माण और भ्रष्टाचार: क्या लालची प्रशासन है दिल्ली की दुर्दशा का जिम्मेदार?

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 21, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

अवैध निर्माण और भ्रष्टाचार: क्या लालची प्रशासन है दिल्ली की दुर्दशा का जिम्मेदार?

दिल्ली/- देश की राजधानी होने के बावजूद, आज भी बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रही है। यहां के नागरिकों को ना तो साफ पानी की पाइपलाइन की सुविधा मिलती है, ना ही गैस की पाइपलाइन, और ना ही सड़कों और गलियों की सही व्यवस्था है। सीवरेज की समस्या तो आम बात हो चली है। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?

क्या यह केवल संयोग है या फिर इसके पीछे कोई बड़ी साजिश और भ्रष्टाचार छिपा है? अवैध निर्माण और प्रशासनिक भ्रष्टाचार ने दिल्ली की व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है। हर तरफ विकास के नाम पर ऊंची-ऊंची इमारतें खड़ी हो रही हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखने वाला कोई नहीं। प्रशासन की नीतियां अक्सर लालच और निजी स्वार्थों के चलते प्रभावित होती हैं, जिससे आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

अवैध निर्माण केवल नियमों का उल्लंघन नहीं है, यह नागरिकों की सुरक्षा और जीवन स्तर के साथ एक बड़ा खिलवाड़ है। इस निर्माण में शामिल भ्रष्टाचार न केवल प्रशासनिक अधिकारियों की जेबें भरता है, बल्कि आम लोगों के जीवन को भी खतरे में डालता है। इस कारण, दिल्ली के नागरिक दिन-रात दूषित पानी, गड्ढों से भरी सड़कों और सीवरेज के गंदे पानी से परेशान रहते हैं।

दिल्ली की दुर्दशा का असल जिम्मेदार कौन है? अवैध निर्माण में संलिप्त लोग, भ्रष्ट अधिकारी, या उन नीतियों के निर्माता जो नियमों की अनदेखी करते हैं? समस्या के समाधान के लिए एक मजबूत और ईमानदार प्रशासन की जरूरत है, जो नियमों को सख्ती से लागू करे और भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करे। तभी दिल्ली एक सच्चे मायने में विकसित शहर बन सकेगी, जहां नागरिकों को सुरक्षित और सुखद जीवन जीने का अधिकार मिल सकेगा।

इस समस्या पर अब सोचना और कदम उठाना जरूरी है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को बेहतर और विकसित दिल्ली मिल सके।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox