नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/बर्लिन/शिव कुमार यादव/- भारत ने बर्लिन में जारी वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप में तीसरा गोल्ड जीत लिया है। शनिवार को 17 साल की अदिति स्वामी के बाद ओजस प्रवीण ने देश को एकल कैटेगरी का दूसरा गोल्ड दिलाया। यह दिन का दूसरा गोल्ड और ओवरऑल तीसरा मेडल है।
इसके साथ ही इस चैंपियनशिप में भारत के कुल मेडल की संख्या 15 पहुंच गई है। इसमें 3 गोल्ड शामिल हैं। एक दिन पहले भारतीय महिला कंपाउंड टीम ने गोल्ड जीता था।
ओजस ने मेंस कंपाउंड कैटेगरी में 150 में से 150 के स्कोर के साथ गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने मेंस कैटेगरी का पहला गोल्ड दिलाया है। उनसे पहले अदिति ने शनिवार को विमेंस कंपाउंड कैटेगरी के फाइनल में मैक्सिको की दो बार की वर्ल्ड चैंपियन एंड्रिया बकेरा को 149-147 से हराया। वे वर्ल्ड चैंपियनशिप के एक ही सीजन में दो टाइटल जीतने वाली दुनिया की पहली तीरंदाज बन गई हैं। अदिति अंडर-18 (कैडिट) कैटेगरी में भी वर्ल्ड चैंपियन हैं। अदिति के अलावा ज्योति सुरेखा ने ब्रॉन्ज हासिल किया।
पहली बार वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप 1931 में हुई थी। हालांकि कंपाउंड इवेंट 1995 से हो रहे हैं। कंपाउंड इवेंट ओलिंपिक में शामिल नहीं है। भारत ने वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप में शनिवार को तीन मेडल जीते। इनमें ओजस, अदिति ने एक-एक गोल्ड दिलाए, जबकि ज्योति सुरेखा ने ब्रॉन्ज हासिल किया।
फाइनल में ओजस के सभी तीर निशाने पर
मेंस कंपाउंड कैटेगरी के फाइनल मुकाबले में ओजस प्रवीण ने कमाल की तीरंदाजी की। उन्होंने 150 में से 150 अंक अर्जित किए। यानी कि ओजस के सभी के सभी तीर निशाने पर लगे।
फाइनल में सभी तीर परफेक्ट 10 पर लगे, सिर्फ एक अंक गंवाया
फाइनल मुकाबले में अदिति ने शानदार प्रदर्शन किया। इस युवा आर्चर ने 5 सेट के फाइनल में सिर्फ एक तीर 9 अंक पर मारा। शेष सभी तीर निशाने पर मारते हुए 10-10 अंक हासिल किए।
अदिति ने पहले सेट में तीन परफेक्ट 10 लगाते हुए 30 अंक अर्जित किए, जबकि मैक्सिकन आर्चर ने 29 अंक हासिल किए। पहले सेट में शानदार शुरुआत के बाद अदिति ने दूसरे, तीसरे और चौथे सेट में भी परफेक्ट 10 हासिल किए। आखिरी सेट का पहला तीर 9 अंक लेकर आया। इस तरह अदिति ने 150 में से 149 अंक हासिल किए। वहीं, दो बार की वर्ल्ड चैंपियन एंड्रिया बकेरा ने पहले सेट में एक अंक से पिछड़ने के बाद दूसरे सेट में 30 अंक हासिल किए। उन्हें तीसरे और चौथे सेट में 29-29 अंक से संतोष करना पड़ा। आखिरी और पांचवें सेट में 30 अंक लेने के बाद भी वे जीत नहीं सकीं।
ज्योति ने ब्रॉन्ज दिलाया
चैंपियनशिप की विमेंस कंपाउंड इंडिविजुअल कैटेगरी में अदिति के अलावा ज्योति सुरेखा को ब्रॉन्ज मिला। सुरेखा तीसरे स्थान पर रहीं।
2 साल में एक बार होती है वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप
आर्चरी में वर्ल्ड कप और वर्ल्ड चैंपियनशिप दो इवेंट होते हैं। वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप की शुरुआत 1931 से हुई।1931 से 1969 तक इसका आयोजन हर साल होता रहा। जबकि 1969 के बाद से इसका आयोजन हर दो साल के बाद होता है। भारत ने इस चैंपियनशिप में 9 बार सिल्वर और 2 बार ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं।
वहीं वर्ल्ड कप का आयोजन 2006 से शुरू हुआ। वर्ल्ड कप के 4 स्टेज होते हैं, जो अलग-अलग देश में होते हैं। इन चारों स्टेज को मिलाकर टॉप-8 में रहने वाली टीम और तीरंदाज वर्ल्ड कप फाइनल में भाग लेते हैं।
एक दिन पहले महिला कंपाउंड टीम ने जीता था गोल्ड
एक दिन पहले भारतीय महिला कंपाउंड टीम ने भी गोल्ड जीता था। तब भारत को टूर्नामेंट के इतिहास में पहली बार गोल्ड मिला था।
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