रोहतक/ नजफगढ़ मैट्रो न्यूज / हर्षित सैनी /- नगर निगम ने बकाया प्रॉपर्टी टैक्स व ट्रेड लाइसेंस फीस जमा न कराने पर वीरवार को शहर में सीलिंग अभियान चलाया। टैक्स जमा न कराने पर छोटूराम चौक के नजदीक निजी कांप्लेक्स में चल रहे सिटी केबल नेटवर्क के ऑफिस को सील कर दिया। इसके चलते 70 हजार केबल कनेक्शन साढ़े 4 बजे से सात बजे तक बंद रहे। वहीं कुछ लोगों की ओर से बताया जा रहा है कि सात बजे के बाद ऑफिस सील होने के बावजूद केबल का प्रसारण कुछ जगहों पर चालू हो गया। निगम आयुक्त प्रदीप गोदारा का कहना है कि अगर ऐसा है तो एफआईआर दर्ज कराएंगे। निगम के जोनल टैक्स ऑफिसर जगदीश चंद्र ने बताया कि निगम का 50 करोड़ के करीब प्रापर्टी टैक्स और लाखों रुपये की ट्रेड लाइसेंस फीस बकाया है। बार-बार नोटिस के बावजूद टैक्स व फीस जमा नहीं करवाई जा रही है। इसके चलते करीब 300 इमारतों की सूची तैयार की है। निगम आयुक्त की अनुमति से ऐसी इमारत अब सील की जा रही है, जिनका टैक्स ज्यादा बकाया है। इसके लिए वीरवार का दिन तय किया गया था। निगम अधिकारियों के मुताबिक सरकार की टैक्स पॉलिसी के तहत केबल संचालक को 500 रुपये प्रति पोल और एक लाख रुपये एक साल की फीस निगम के पास जमा करानी होती है। एक सर्वे के मुताबिक केबल के प्रसारण के लिए शहर में 3 हजार पोल प्रयोग किए जा रहे हैं। इस हिसाब से निगम का 15 लाख के करीब टैक्स व फीस बनती है। इसमें से सिटी नेटवर्क की तरफ से मात्र ढाई लाख रुपये जमा करवाए गए हैं। इसके चलते दोपहर करीब साढ़े चार बजे वीरवार को निगम की टीम पुलिस फोर्स के साथ छोटूराम चौक के नजदीक निजी कांप्लेक्स में पहुंची और कर्मचारियों को बाहर निकाल कर सिटी नेटवर्क के ऑफिस को सील कर दिया। साथ ही बिजली की सप्लाई काट दी। अधिकारी बोले कि अगर निगम की अनुमति के बगैर सील तोड़कर केबल चालू की जाती है तो निगम एफआईआर करवा सकता है।ढाई लाख जमा करवाए दिए हैं, फिर भी निगम बना रहा दबावसिटी केबल के अधिकारियों का कहना है कि उनकी तरफ निगम की एक लाख रुपये सालाना फीस बनती है, जिसे निगम के खाते में जमा करवा दी है। साथ ही वे 250 पोल ही प्रयोग कर रहे हैं। इसके हिसाब से 500 रुपये प्रति पोल के हिसाब से सवा लाख के करीब राशि जमा करवा दी है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि शहर में 3 हजार पोल हैं, जिनका प्रयोग केबल के प्रसारण के लिए किया जा रहा है। उनका पैसा भी जमा करवाना होगा। यह राशि 14.50 लाख से ज्यादा बनती है। यह राशि भी जमा करानी होगी।
सुभाष नगर व बोहर के मोबाइल टावर सील
निगम की टीम सीलिंग अभियान के तहत बोहर व सुभाष नगर में पहुंची, जहां दोनों टावर एक ही कंपनी के मिले। निगम ने एक-एक लाख सालाना फीस जमा न कराने पर टावर सील कर दिए। साथ ही नोटिस चस्पा कर दिया। अगर टावर सीलिंग के बावजूद चालू किए तो आगे की कार्रवाई होगी।अधिकारियों का तर्कसिटी नेटवर्क कंपनी का आफिस नोएडा बताया गया है। निगम ने कई बार नोटिस दिया, लेकिन 15 लाख से ज्यादा फीस जमा नहीं कराई गई। इसके चलते वीरवार को कंपनी के आफिस को सील कर दिया है। अगर सील तोड़कर केबल चलाया गया तो वे एफआईआर करवाएंगे।जगदीश चंद्र, जोनल टैक्स आफिसर नगर निगमउसकी कंपनी का आफिस नोएडा है, जो न्यूज चैनल नेटवर्क के मालिक से संबंधित है। निगम को उसकी कंपनी ने ढाई लाख रुपये की राशि फीस के तौर पर जमा करवा दी है। इसमें एक लाख सालाना और सवा लाख से ज्यादा 250 पोल की फीस है। अब निगम 15 लाख की राशि मांग रहा है, जो नहीं बनती। रात आठ बजे वे निगम आयुक्त से मिलने गए थे, लेकिन बात नहीं हो सकी। साढ़े 4 बजे से देर रात तक केबल प्रसारण बंद पड़ा था। अब वे बहादुरगढ़ आ गए हैं। केबल प्रसारण कैसे चालू हुआ या नहीं हुआ। इसकी सूचना नहीं है।अजय कुमार, अधिकारी सिटी केबल कंपनी
चंडीगढ़ से नोएडा तक के फोन घनघनाएं, आयुक्त घर भी नहीं मिले
हर्षित सैनी/रोहतक/ नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/- सिटी नेटवर्क ऑफिस का कार्यालय सील होते ही तीन घंटे के लिए शहर के 70 हजार से ज्यादा घरों में केबल का प्रसारण बंद हो गया। केवल उन घरों में प्रसारण जारी रहा, जहां निजी कंपनियों की डायरेक्ट डिश लगी हैं। केबल प्रसारण बंद होने से कंपनी में हलचल पैदा हो गई। क्योंकि पब्लिक कंपनी पर दबाव बनाने लगी। मामला चंडीगढ़ व नोएडा तक पहुंच गया। निगम आयुक्त प्रदीप गोदारा के पास फोन आने लगे। यहां तक कंपनी के अधिकारी अजय कुमार अपनी टीम के साथ रात आठ बजे निगम आयुक्त के आफिसर कालोनी स्थित आवास पर भी पहुंचे लेकिन अजय कुमार ने बताया कि आयुक्त घर पर नहीं मिले, जिससे उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। मोबाइल नंबर लगातार नेटवर्क से बाहर आता रहा। देर रात तक केबल प्रसारण बंद रहा।निगम व कंपनी के बीच 2 हजार 750 पोल का विवादशहर के अंदर सिटी नेटवर्क की तरफ से आगे छोटे-छोटे ऑपरेटर बनाए गए हैं, जो मुख्य लाइन से सब लाइन ले जाकर घरों में प्रसारण करते हैं। अब कंपनी का कहना है कि वह तो उन्हीं पोल की सालाना फीस देगी, जिनका वह प्रयोग करती है। इनकी संख्या 250 है। बाकी 2 हजार 750 पोल की फीस आगे केबल नेटवर्क चलाने वाले आपरेटर से वसूली जाए। जबकि निगम के अधिकारियों का कहना है कि सब लाइन भी कंपनी की लाइन से जुड़ी हैं। यह राशि कंपनी अपने आपरेटर से लेकर जमा करवाए या खुद अपने खाते से दे।माडल टाउन के होटल से जब युगल दौड़ पड़ेइसके बाद निगम की टीम माडल टाउन में पहुंची, जहां एक होटल की तरफ आठ लाख रुपये टैक्स व फीस बकाया थी। बड़ी संख्या में पुलिस को देखकर होटल में मौजूद युगल सरपट दौड़ते नजर आए। निगम के अधिकारियों ने होटल संचालक से बात की। उसने कहा कि वह तो किराए पर होटल चला रहा है। मालिक से बात करवाई तो उसने कहा कि वे बाहर हैं। शुक्रवार को वापस लौटकर राशि जमा करवा देंगे। इसके बावजूद निगम ने होटल के कर्मचारियों व अन्य लोगों को बाहर निकालकर कर बिल्डिंग को सील कर दिया।कोचिंग सेंटर से 70 बच्चों को छोड़नी पड़ी बीच में क्लासनिगम की टीम इसके बाद माडल टाऊन स्थित एक कोचिंग सेंटर पर पहुंची। उस समय सेंटर में 70 छात्र व छात्राएं कोचिंग ले रहे थे। निगम के अधिकारियों ने जब संचालक से टैक्स जमा कराने के बारे में पूछा तो उसने कहा कि उसने तो अभी कोचिंग सेंटर लिया है। जब उसे निगम अधिकारियों ने कहा कि कोचिंग सेंटर लेते समय निगम से एनओसी क्यों नहीं ली। इस पर उसने जवाब दिया कि वह दो दिन में पूर्व मालिकों से बात करके बता देगा। निगम ने पुलिस बल की मौजूदगी में छात्रों व शिक्षकों को बाहर निकाल कर कोचिंग सेंटर सील कर दिया।
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