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नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/मनोजीत सिंह/शिव कुमार यादव/- कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देशव्यापी लाॅक डाउन के चलते कृषि कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो रही है जिसकारण किसान काफी परेशानी झेल रहे है। जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने किसानों की मदद के लिए कैबिनेट की बैठक में कुछ अहम फैसले लिए है। जिनके तहत अब किसानों को कृषि कार्य के लिए लाॅक डाउन में कुछ छूट दी जायेगी।
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दर असल भारत एक कृषि प्रधान देश है और देश की 70 प्रतिशत आबादी कृषि कार्यों पर ही निर्भर है और अपना गुजर-बसर करती है लेकिन इस लाॅक डाउन में कृषि कार्य बुरी तरह से प्रभावित हुए है जिसकारण किसानों व इससे जुड़े मजदूरों की भूखे मरने की नौबत आ गई है। ऐसे में महामारी के चलते जहां एक तरफ जान के लाले पड़ है और दूसरी तरफ किसानों पर भूख से मरने की नौबत आ गई है। अगर किसानों की हालत खराब हुई और कृषि कार्य प्रभावित हुए तो इससे देश की आर्थिक व्यवस्था का गड़बड़ाना लाजमी है जिसे देखते हुए दिल्ली में हुई अहम बैठक में केंद्र सरकार ने कई अहम फैसले लिए है जो किसानों के लिए काफी उपयोगी साबित होंगे। बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मंत्रालय के तमाम अधिकारी शामिल हुए। बैठक में किसानों को राहत पहुंचाने के उपायों पर सख्ती से अमल किए जाने और कंट्रोल रूम बनाकर नियमित निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। नरेंद्र तोमर की अगुवाई में किसानों की समस्या पर हुई। बैठक लॉकडाउन के दौरान किसानों को हरसंभव मदद का फैसला, बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई। कोरोना वायरस से निपटने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच किसानों की समस्या को लेकर मंगलावर को एक अहम बैठक हुई थी। किसानों को राहत पहुंचाने के उपायों पर सख्ती से अमल किए जाने पर जोर दिया गया। एक कंट्रोल रूम बनाकर नियमित निगरानी के निर्देश दिए गए। लॉकडाउन के बीच किसानों की समस्या को लेकर स्वयं नरेंद्र सिंह तोमर ने गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय से संपर्क किया. किसानों को ऐसे में क्या मदद दी जा सकती है और क्या योजनाएं होनी चाहिए, इस पर सब चर्चा हुई। बैठक के बाद लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के हित में जो भी निर्णय लिए गए हैं। उन्हें अमल में लाने के साथ ही इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना बहुत ही जरूरी है। उन्होने बताया कि किसानों के हित में बैठक में इन मुद्दों पर फैसले लिए गए जो निम्न हैं –
- हर संभव कोशिश यह होना चाहिए कि कृषि उपज खेत के पास ही बिक सकें.
-फसलों की कटाई में किसानों को कोई परेशानी नहीं होना चाहिए.
-चाय बागानों पर अधिकतम 50 प्रतिशत कर्मचारी रखते हुए काम किया जा सकेगा.
-जिन कृषि वस्तुओं का निर्यात किया जाना है, वह प्रभावित नहीं होना चाहिए.
-फसल कटाई और बुआई से संबंधित यंत्रों की आवाजाही को छूट दी गई है.-
-फसल को ले जाने के लिए किसानों को राज्य और अंतरराज्यीय वाहन की सुविधा हो. - फसल को ट्रकों से ले जाने के लिए लॉकडाउन के दौरान छूट का फैसला.
- आगे बुआई भी होना है, जिसे लेकर खाद-बीज की कमी कहीं भी नहीं होना चाहिए.
- कृषि मशीनरी और कलपुर्जों की दुकानें लॉकडाउन में चालू रखी जा सकेगी.
- हाईवे पर ट्रकों की मरम्मत करने वाले गैरेज और पेट्रोल पंप भी चालू रहेंगे.
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