

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कोरोना काल में एक तरफ जहां देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है वहीं दूसरी तरफ थोक मंहगाई लगातार बढ़ती जा रही है जिसकारण एक तरफ जहां सरकार की चिंता बढ़ गई है वहीं दूसरी तरफ आम आदमी भी भारी परेशानी झेल रहा है। देश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और मैन्युफैक्चरिंग लागत बढ़ने से थोक महंगाई दर रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई है। कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री के मुताबिक थोक महंगाई दर मई में 12.94ः पर पहुंच गई है। हालांकि पिछले साल मई में यह मई -3.37ः रही थी। मंत्रालय ने सोमवार को मई में थोक महंगाई के आंकड़े जारी किए। रिटेल महंगाई के आंकड़ें भी आज ही जारी होने की संभावना जताई जा रही है।
होल सेल प्राइस इंडेक्स आधारित महंगाई दर लगातार 5वें महीने मई में चढ़ी है। इससे पहले अप्रैल में भी दर 10.49ः पर रही थी। सरकार की ओर से जारी थोक महंगाई में कहा गया कि क्रूड पेट्रोलियम, मिनिरल ऑयल्स के चलते महंगाई बढ़ी है। क्योंकि इससे पेट्रोल, डीजल, नेप्था और मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स महंगे हुए। नतीजतन, पिछले साल की समान अवधि की तुलना में इस साल मई में महंगाई तेजी से बढ़ी। हालांकि कोरोना काल के दौरान क्रूड आॅयल के दाम काफी नीचे आये हैं। लेकिन फिर भी देश में आर्थिक मंदी को रोकने के लिए सरकार ने पेट्रोलियम, पदार्थों के दाम नही घटायें है। जिसकी वजह से कंपनियों को भारी मुनाफा हो रहा है और आम आदमी इस मंहगाई में पिस रहा है।
फ्यूल और पावर बास्केट में मई के दौरान महंगाई 37.61ः बढ़ी है, जो अप्रैल में 20.94ः बढ़ी थी। वहीं, मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स भी मई में 10.83ः महंगे हुए हैं। हालांकि, कुछ फूड आर्टिकल में महंगाई से राहत मिली है और मई में ये 4.31ः सस्ते हुए हैं, जबकि प्याज के दाम के साथ-साथ सभी सब्जियों के दाम बढ़े हैं। प्याज के दाम 23 से 24ः फीसदी बढ़े हैं। इतना ही नही रसोई गैस के भी दाम बढ़ गये है जिसकारण आम आदमी की रसोई का बजट बिगड़ गया है।
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