नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली के तीनों निगमों में बजट को लेकर काफी मारामारी चल रही है। हाल यह है कि यदि दिल्ली सरकार का रवैया यही रहा तो निगम में कर्मचारियों को वेतन तक नही दिया जा सकेगा और जनविकास कार्यों पर भी इसका विपरीत असर पड़ेगा। लेकिन फिर भी निगम अधिकारी व पार्षद जनविकास कार्यों को लेकर कितने जागरूक है यह इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एसडीएमसी ने बजट की कमी के बावजूद स्कूली बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए मिड-डे मील योजना के तहत सभी निगम स्कूलों में सूखा राशन देने की योजना शुरू कर दी है। हालांकि दिल्ली सरकार अभी तक इस योजना को लेकर विज्ञापनों के जरीये प्रचार-प्रसार में ही जुटी है जबकि निगम ने इसकी विधिवत शुरूआत नजफगढ़ निगम वार्ड जोन के छावला वार्ड के कुतुबविहार में स्थित निगम के प्राथमिक कन्या विद्यालय से शुरू कर दी है। इस योजना का शुभारंभ दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने किया। इस अवसर पर निगम शिक्षा समिति के अध्यक्ष मुकेश सुर्यान, स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष राजदत गहलोत, एसडीएमसी महापौर अनामिका सिंह, नजफगढ़ भाजपा जिला अध्यक्ष विजय सोलंकी, अतिरिक्त शिक्षा आयुक्त ताजिल, नजफगढ़ निगम जोन चेयरपर्सन सुमन डागर, निगम उपायुक्त राधा कृष्ण व बागवानी समिति की अध्यक्ष निकिता शर्मा भी उपस्थित रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता छावला वार्ड के पार्षद पवन शर्मा ने की व मंच संचालन सुकृती ने किया।
छावला वार्ड से मिड-डे मिल योजना की शुरूआत करते हुए प्रदेश अध्यक्ष श्री गुप्ता ने कहा कि हम काम में विश्वास रखते है। बयानबाजी व विज्ञापनबाजी में नही। उन्होने कहा कि दिल्ली सरकार निगम की योजनओं को चुराकर उन विज्ञापनों के माध्यम से सिर्फ सुर्खियां बटोरेने का काम कर रही है। जबकि निगम के पार्षद इसे मूर्त रूप में अंजाम देकर जनभागीदारी कर रहे है। उन्होने कहा कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल निगम को मिटाने व बदनाम करने का काम कर रहे है। लेकिन फिर भी बजट के अभाव में भी हम जनविकास से जुड़े किसी भी मुद्दे पर पीछे नही हटेंगे। उन्होने कहा कि इस योजना से हमारी कोशिश है कि कोरोना लाॅकडाउन काल में बच्चों को जिन परिस्थिितियों का सामना करना पड़ा है उनसे वह उभरे और अपनी शिक्षा की कमी को पूरा करने के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखे। इसके लिए निगम ने सभी निगम स्कूलों के बच्चों को एक-एक महीने का सुखा राशन देने की योजना का शुभारंभ कर दिया है। अब पढ़ाई के साथ-साथ निगम स्कूलों के बच्चों को घर पर ही पौष्टिक भोजन भी मिलेगा। उन्होने बताया कि दिल्ली सरकार निगम के 13 हजार करोड़ दबाये बैठी है यह तो जनता का पैसा है औेर जन भलाई में ही खर्च होना है लेकिन सरकार नही चाहती की निगम जन विकास की योजनाओं को चलाये। उन्होने केजरीवाल जी को हिदायत देते हुए कहा कि हमारे बीच राजनीतिक मतभेद तो हो सकते है लेकिन विकास व जनसेवा के मुद्दे पर मतभेद नही होने चाहिए ताकि जनता को परेशानी न हो।
वहीं एसडीएमसी महापौर अनामिका सिंह ने बताया कि हमारे पास इस योजना के लिए फंड नही है लेकिन फिर भी हम दूसरे खर्चों में कटौती कर बच्चों की सेहत के लिए सभी वार्डों में चलायेंगे। इसके लिए सभी पार्षद अपना पूरा सहयोग देनेे को तैयार हैं।
हालांकि निगम में वेतन को लेकर शिक्षक व सफाई कर्मचारी आंदोलन कर रहे है लेकिन फिर भी निगम मिड डे मील योजना को दिल्ली सरकार से पहले चलाकर सारी वाहावाही लूटना चाहता है। लेकिन यह बात कोई साफ नही कर पाया की जिस योजना को आज इतने उत्साह के साथ शुरू किया गया है कल उसके लिए बजट कहां से आयेगा या फिर यह सब निगम चुनावों व दिल्ली सरकार को पीछे छोड़ने के लिए किया गया है। स्वयं प्रदेश अध्यक्ष भी बजट को लेकर कोई सही जवाब नही दे पाये।
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