

नजफगढ मैट्रो न्यूज/ नजफगढ/- नजफगढ़ में प्रदुषण की दुहाई देने वाले ही हरियाली के लिए घातक रवैया अपनाये हुए हैं। क्षेत्र में हरियाली के नाम पर सड़कों के किनारे बचे पेड़ों को संभालने की बजाये उन्हे सुखाने के लिए कंकरीट की खाद दी जा रही है। जिसकारण हरे-भरे विशाला पेड़ भी धीर-धीरे दम तोड़ रहे है। हालांकि पूरे क्षेत्र में पर्यावरण बचाने के लिए प्रशासन व सामाजिक संगठन वृक्षारोपण अभियान पर जोर दे रहे हैं लेकिन वहीं दूसरी तरफ विकास के नाम पर सड़कों पर खड़े पेड़ न केवल दूकानदारों की आंखों मे खटक रहे है बल्कि प्रशासन भी पुराने पेड़ों को संरक्षण देने की बजाये उनके चारों तरफ कंकरीट बिछाकर खत्म करने की ही कोशिश कर रहा है।
नजफगढ़ के खैरा रोड़, पुराना ककरौला मार्ग, गुरूग्राम रोड़ व उत्तमनगर रोड़ पर पहले सैंकड़ों की संख्या में पेड़ होते थे लेकिन जैसे-जैसे इन मार्गों पर विकास कार्य बढ़े और दूकाने षॉपिंग मॉल में बदली वैसे-वैसे पेड़ भी धीर-धीरे गायब हो गये। यह कोई नही बता पा रहा की आखिर पेड़ गये कहां। प्रशासन के पास भी इसका कोई रिकार्ड नही है। लेकिन इन मार्गों पर अब जो पेड़ बचे है। उनको भी दूकानदार उजाड़ने में ही लगे है। और इसमे प्रशासन भी उनकी मदद करता ही दिखाई दे रहा है। ककरोला मार्ग पर अभी भी अनेको पेड़ जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे है लेकिन प्रशासन उन्हे संरक्षण व सुरक्षा देने की बजाये उनके चारों तरफ कंकरीट बिछाकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। लोगों की माने तो दूकानदार नही खुद प्रशासन ही पेड़ों को नष्ट करने पर तुला है। इस संबंध में जब नजफगढ़ एसडीएम सतीश कुमार गुप्ता से पूछा गया तो उन्होने कहा कि उन्हे इसकी जानकारी नही है। फिर भी वह खुद पेड़ों का निरिक्षण करेंगे और किसने पेड़ों की जड़ों में कंकरीट डाली है इसकी जांच करायेंगे। वहीं प्रकृति भक्त फाउंडेशन के अध्यक्ष राजेश शर्मा ने कहा कि प्रशासन चाहे तो उनका फाउंडेशन इन पेड़ों की देखभाल के लिए उन्हे गोद ले सकता है। ताकि शहर में हरियाला बची रहे।
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